

विधायक रागिनी से मिला धनबाद कोचिंग एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल
डीजे न्यूज, धनबाद: धनबाद कोचिंग एसोसिएशन के सदस्यों ने बुधवार को विधायक झरिया रागिनी सिंह से उनके आवासीय कार्यालय में मिले। उन्हें कोचिंग क्लासेस चलाने को लेकर दस सूत्री मांग पत्र सौंपकर उनसे इस विषय में हस्तक्षेप किए जाने का आग्रह किया। विधायक ने उन्हें आश्वस्त करते हुए कहा कि इन विषयों को सदन में जरूर उठाएगी।
मांगें
सरकार के द्वारा पारित विधेयक में कोचिंग संगठन का किसी भी प्रतिनिधि का न होना और उनका विचार न लिया जाना त्रुटिपूर्ण है।
इस विधेयक के तहत सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के मेधावी छात्र-छात्राएं जो बहुत कम फीस पर कोचिंग के सहारे विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षा में अब्बल होकर घर-परिवार, समाज और राज्य के नवनिर्माण में अपना योगदान दें रहें है। वे आगे चलकर बेहतर शिक्षा से बंचित हो जाएंगें ।
उक्त विधेयक से झारखंड के छात्र दूसरे राज्यों में बेहतर शिक्षा हेतु, पलायन को मजबूर होंगे, जिससे यहां का पैसा दूसरे राज्यों में जाएगा, जबकि कोचिंग संस्थान टैक्स भी देती है। साथ ही साथ जॉब क्रियेटर भी है।
विधेयक द्वारा पारित दंड का प्रावधान पूर्ण रूपेण न्याय संगत नहीं है।
पूरे भारत वर्ष में किसी भी राज्य में ऐसा दंड प्रावधान नहीं है। इससे न्यायसंगत बनाने हेतु अन्य राज्यों जैसे बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली आदि के विधेयक भी तुलनात्मक अध्ययन किया जाए।
दूसरे राज्यों में जहां पंजीयन शुल्क जैसे बिहार, राजस्थान में नगन्य है, जबकि झारखण्ड में यह शुल्क 5 लाख रखा गया है।
इस विधेयक में अतिविसंगति होने के कारण तत्काल निरस्त कर एक सर्वमान्य कमिटी बनाकर पुर्ण एसोसिएशन विधयेक लाया जाए, जो छात्रहित एवं राज्य हित में हो।
झारखंड के शिक्षा में कोचिंग संस्थानों का भी अहम योगदान है। जनप्रतिनिधि एवं सरकार इसे अलग नजरिए से न देखें।
इस विधेयक से अधिकांश कोचिंग संस्थान बंद हो जाएंगे जिसके फलस्वरूप झारखण्ड राज्य में हजारों की संख्या में शिक्षित बेरोजगारो की फौज खड़ी हो जाएगी।
माननीय मुख्यमंत्री एवं सभी जनप्रतिनिधि दूरदर्शी है। हमलोग विधेयक के विरूद्ध नहीं हैं, लेकिन यह भी विश्वास है कि उपरोक्त बातों को समझते हुए न्यायसंगत विधेयक लाने की जरूरत है, जो शिक्षा को सुगम और सुचारू बनाए रखें।
