कोडरमा बाल सुधार गृह के केयर टेकर पर हमला कर युवती फरार

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डीजे न्यूज,

कोडरमा : तिलैया थाना क्षेत्र स्थित बाल गृह के केयर टेकर अंजनी देवी पर यहां रह रही एक युवती हमला कर फरार हो गई। जख्मी केयर टेकर को रिम्स में भर्ती किया गया है। प्रेम प्रसंग के एक मामले में युवती को गत 26 सितंबर से यहां रखा गया था। प्राविधान के मुताबिक यहां किसी भी लड़की को दो दिनों से ज्यादा नहीं रखा जा सकता। एएनएम सह बाल गृह प्रभारी पूजा कुमार ने थाना में एक आवेदन देकर कहा है कि गुरुवार की रात बाल सुधार गृह में कार्यरत केयर टेकर अंजनी देवी जो बजरंग नगर तिलैया निवासी है, अपनी ड्यूटी के बाद सो रही थी। इस दौरान युवती, जो कियूस फैसलिटी के तहत विगत 26 सितंबर से रह वहां रह रही थी, ने केयर टेकर के सिर पर ईंट से सर प्रहार कर गंभीर रूप से घायल कर दी, जिससे वह बेहोश हो गई। बाल गृह में रह रहे आया व बच्चों को कमरे में बंद कर फरार हो गई। युवती बालग्रह के प्रथम तल से साड़ी के सहारे उतर कर भागी। शुक्रवार की सुबह बालगृह के अन्य कर्मियों के द्वारा केयर टेकर अंजनी देवी को कोडरमा सदर लाया गया। सदर अस्पताल के चिकित्सक द्वारा प्राथमिक इलाज़ के उपरांत महिला की गंभीर स्थित को देखते हुये रांची रिम्स रेफर कर दिया गया है। बहरहाल बाल सुधार गृह जहां लड़कों को रखा जाता है, वहां एक युवती को 4 दिनों तक रखे जाने पर सवाल खड़ा हो रहा है। इधर, बालगृह
के कर्मी पूजा कुमारी
एएनएम, सह प्रभारी बाल सुधार गृह ने पूजा ने बताया कि झुमरीतिलैया स्थित बाल सुधार गृह में कियूस फैसीलिटी के तहत युवती विगत 26 सितंबर से रह रही थी, जबकि 2 दिनों से ज्यादा रखने का प्रविधान नहीं है। उन्होंने बताया की बाल सुधार गृह में काम कर रहे कर्मियों को 8-10 महीने से वेतन नहीं मिला है, जिस कारण बहुत परेशानी ही रही है। इस संबंध में पूर्व बाल कल्याण समिति सदस्य अधिवक्ता प्रवीण कुमार सिन्हा ने बताया कि कियूस फैसीलिटी के तहत 18 वर्ष से ऊपर महिला या युवती को बालग्रह में रखना उचित नहीं था। यह नियमसंगत नहीं है। इधर बालगृह के अधीक्षक विकास कुमार ने बताया कि बाल सुधार गृह की केयर टेकर अंजनी देवी पर पार्वती देवी नामक महिला के द्वारा हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया गया है। स्थित गंभीर बनी हुई है। विदित हो कि विगत दिनों कोडरमा डीसी के आदेश पर डीडीसी लोकेश मिश्रा ने यहां संचालित बालग्रह की जांच कर भारी अनियमितता पाई थी। इस मामले में उन्होंने कोडरमा के जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी को, हटाने की अनुशंसा की थी। इस मामले में अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। यहां बाल गृह संचालित होने के बाद से अब तक 8 बार बच्चों के भागने का मामला सामने आया है।

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