

टेट आदेश के विरोध में शिक्षकों ने किया राजभवन मार्च
डीजे न्यूज, रांची :
प्रदेश इकाई के आवाह्न पर अजाप्टा (अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ) के हजारों शिक्षकों ने पूर्व निर्धारित समय अपराह्न एक बजे राजभवन तक मार्च किया। इस मार्च का नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष अनूप केसरी, महासचिव राम मूर्ति ठाकुर, संस्थापक अध्यक्ष उत्तील यादव, संगठन सचिव असदुल्लाह, वरीय उपाध्यक्ष दीपक दत्ता, प्रवक्ता राकेश कुमार, रांची जिलाध्यक्ष सलीम सहाय तिग्गा सहित विभिन्न प्रमंडलीय व जिला पदाधिकारियों ने किया।
शिक्षकों ने महामहिम राज्यपाल के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि 01 सितंबर को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिये गये टेट आदेश से शिक्षकों में गहरी नाराजगी है। उनका आरोप है कि अब तक केंद्र सरकार और अधिकांश राज्य सरकारों ने इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, न ही रिव्यू पटीशन दायर की गई है।
शिक्षकों ने चेतावनी दी कि यदि समय रहते समीक्षा याचिका दायर नहीं हुई तो वे मजबूरन लोकतांत्रिक तरीके से धरना-प्रदर्शन करेंगे, जिसका सीधा असर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर पड़ेगा।
वक्ताओं ने कहा कि एनसीटीई के प्रावधान के अनुसार 2010 के पूर्व नियुक्त शिक्षकों पर टेट की बाध्यता नहीं है, जबकि वे पहले ही बीपीएससी और जेपीएससी जैसी परीक्षा एजेंसियों की चयन प्रक्रिया से गुजरकर नियुक्त हुए हैं। ऐसे में वर्षों की सेवा के बाद टेट उत्तीर्ण करने की अनिवार्यता अलोकतांत्रिक और अप्रासंगिक है।
शिक्षकों ने सरकार को याद दिलाया कि वे लोकतंत्र की धुरी हैं—गणना, जनगणना और चुनाव जैसे राष्ट्रीय दायित्व निभाते हैं। लेकिन जब न्यायालय से ऐसा आदेश आता है, तो उनकी गुहार सुनने वाला कोई नहीं होता।
अजाप्टा ने साफ कर दिया कि यदि सरकार ने चुप्पी साधे रखी, तो संगठन स्वयं सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगा। इस कार्यक्रम में विभिन्न जिलों के अध्यक्ष और महासचिव बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
