
टीएसी की बैठक में आदिवासी हितों की सुरक्षा और विकास पर मुहर
ईचा डैम, शराब नीति, अबुआ बीर दिशोम अभियान और लगुबुरु संरक्षण पर लिए गए अहम निर्णय
डीजे न्यूज, रांची :
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में बुधवार को झारखंड मंत्रालय में झारखंड जनजातीय परामर्शदातृ परिषद् (टीएसी) की बैठक संपन्न हुई। बैठक में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के विभिन्न प्रस्तावों पर गहन चर्चा के बाद आदिवासी समुदाय के कल्याण, संस्कृति संरक्षण और अधिकारों को सुनिश्चित करने हेतु कई अहम फैसले लिए गए।
मुख्य निर्णय इस प्रकार हैं:
1. आदिवासी क्षेत्र के पर्यटन स्थलों पर नियंत्रित शराब बिक्री को मिली मंजूरी
झारखंड उत्पाद नियमावली 2025 के अंतर्गत अब उन ग्राम पंचायतों में, जहां 50% या उससे अधिक जनजातीय आबादी है और जिन्हें पर्यटन स्थल घोषित किया गया है (धार्मिक स्थलों को छोड़कर), वहां शराब की खुदरा दुकानें सशर्त रूप से खोली जा सकेंगी। इस फैसले का उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देना, सरकारी राजस्व बढ़ाना और अवैध शराब के व्यापार पर रोक लगाना है।
2. ईचा डैम पर विस्थापितों की स्थिति पर बनेगी विस्तृत रिपोर्ट
पश्चिमी सिंहभूम जिले में प्रस्तावित ईचा डैम से प्रभावित जनजातीय गांवों का भौतिक सत्यापन किया जाएगा। एक जांच रिपोर्ट के साथ फोटो, वीडियो और पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन तैयार कर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।
3. “अबुआ बीर दिशोम” अभियान लगातार जारी रहेगा
वन अधिकार अधिनियम के तहत चल रहे “अबुआ बीर दिशोम” अभियान को सतत रूप से चलाने का निर्णय लिया गया। हर दो महीने में वनपट्टा वितरण अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाएगा और लंबित आवेदनों की स्वीकृति प्रक्रिया शीघ्र पूरी की जाएगी।
4. छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम पर आयोग का गठन होगा
धारा 46 में थाना क्षेत्र की परिभाषा को स्पष्ट करने हेतु राजस्व विभाग एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार करेगा। इसके लिए एक आयोग गठित होगा जो छह महीने में अध्ययन कर रिपोर्ट सौंपेगा।
5. लगुबुरु स्थल पर डीवीसी परियोजना स्थगित, स्थल संरक्षण को प्राथमिकता
टीएसी को जानकारी दी गई कि ललपनिया स्थित पवित्र स्थल लगुबुरु में डीवीसी की प्रस्तावित पनबिजली परियोजना को राज्य सरकार द्वारा पूर्व में ही रोक दिया गया है, ताकि स्थल की धार्मिक और सांस्कृतिक गरिमा बनी रहे।
6. वनपट्टा धारकों को प्रमाण पत्र में हो रही दिक्कतों का समाधान होगा
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि वन पट्टा धारकों के बच्चों को आवासीय और जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने में आ रही अड़चनों को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
बैठक में मंत्री चमरा लिंडा, विधायक प्रो. स्टीफन मरांडी, लुईस मरांडी, सोनाराम सिंकू, दशरथ गागराई, राजेश कच्छप, नमन विक्सल कोनगाड़ी, जिगा सुसारन होरो, संजीव सरदार, आलोक कुमार सोरेन, सुदीप गुड़िया, जगत मांझी, राम सूर्या मुंडा, रामचन्द्र सिंह और मनोनीत सदस्य नारायण उराँव व जोसाई मार्डी उपस्थित रहे।