

ताराटांड़ डाकाकांड : सात अभियुक्त साक्ष्य के अभाव में बरी
चश्मदीद गवाह और गवाही के बावजूद पुलिस की जांच पर उठे सवाल
डीजे न्यूज, गिरिडीह : जिले के चर्चित ताराटांड़ नावासार डाकाकांड मामले में जिला जज दशम विशाल कुमार की अदालत ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए सात अभियुक्तों को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया। फैसले के दौरान न्यायालय परिसर में बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। अदालत का आदेश सुनते ही अभियुक्तों और उनके परिजनों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई।
फरवरी 2024 में घटी इस वारदात में अभियुक्तों ने पुलिस के भेष में घर में घुसकर गृहस्वामी और परिवार को कब्जे में ले लिया था और करीब पांच लाख रुपए नकद व लाखों के जेवरात लूट लिए थे। घटना के बाद पुलिस ने सातों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इनमें मिथलेश मंडल और टिंकू मंडल बाद में हाईकोर्ट से ज़मानत पर बाहर आ गए थे, जबकि मुन्ना वर्मा समेत पाँच अभियुक्त अब तक जेल में बंद थे।
बचाव पक्ष के अधिवक्ता अजय कुमार सिन्हा ने दलील दी कि पुलिस ने अभियुक्तों की गिरफ्तारी के बाद पहचान परेड (TIP)नहीं कराई, जबकि चश्मदीद गवाहों ने सिर्फ जेल में अभियुक्तों की पहचान की थी। साथ ही लूटे गए जेवर भी पुलिस बरामद नहीं कर पाई थी। अधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के कई निर्णयों का हवाला देते हुए कहा कि इस आधार पर अभियुक्तों को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। अदालत ने इन दलीलों को मानते हुए सभी अभियुक्तों को बरी कर दिया। प्राथमिकी दर्ज कराने वाली साबिया देवी ने अपने बयान में कहा था कि वारदात की रात पाँच लोग पुलिस बताकर घर में घुसे और सभी परिजन को एक कमरे में बंद कर लूटपाट की। अदालत ने जांच में गंभीर खामियों को देखते हुए अभियोजन पक्ष को नाकाम माना और सभी अभियुक्तों को रिहाई का आदेश दिया।
