शताब्दी स्थापना सप्ताह के शुभारंभ के लिए आइआइटी-आइएसएम तैयार पीएम के प्रधान सचिव डॉ. पीके मिश्र करेंगे उद्घाटन, 9 दिसंबर को समापन बेला के मुख्य अतिथि गौतम अडाणी होंगे

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शताब्दी स्थापना सप्ताह के शुभारंभ के लिए आइआइटी-आइएसएम तैयार

पीएम के प्रधान सचिव डॉ. पीके मिश्र करेंगे उद्घाटन, 9 दिसंबर को समापन बेला के मुख्य अतिथि गौतम अडाणी होंगे

डीजे न्यूज, धनबाद: आईआईटी (आईएसएम) धनबाद अपनी गौरवशाली यात्रा के सौवें वर्ष में प्रवेश करते हुए शताब्दी स्थापना सप्ताह के भव्य शुभारंभ की तैयारियों में जुट गया है। 1926 में रॉयल स्कूल ऑफ माइंस, लंदन के मॉडल पर स्थापित इस संस्थान ने “इंडियन स्कूल ऑफ माइंस एंड एप्लाइड जियोलॉजी” के रूप में अपनी शुरुआत की थी। लॉर्ड इरविन की दूरदृष्टि और डेविड पेनमैन जैसे प्रारंभिक अग्रदूतों के मार्गदर्शन में बने इस संस्थान ने एक सदी में खनन शिक्षा से आगे बढ़ते हुए इंजीनियरिंग, भू-विज्ञान, ऊर्जा, कंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, पर्यावरण विज्ञान और उभरते तकनीकी क्षेत्रों में देश के विकास हेतु महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

शताब्दी स्थापना सप्ताह का शुभारंभ प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पीके मिश्र द्वारा किया जाएगा, जो इस अवसर के मुख्य अतिथि होंगे। डॉ. मिश्र की उपस्थिति इस बात को रेखांकित करती है कि राष्ट्रीय विज्ञान, तकनीक और औद्योगिक विकास में आईआईटी (आईएसएम) की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण रही है। इस अवसर पर डीआरडीओ, ऊर्जा एवं खनन कंपनियों, सार्वजनिक प्रशासन, वैश्विक तकनीकी संगठनों तथा विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों से कई विशिष्ट जनप्रतिनिधि भी शामिल होंगे।

उद्घाटन समारोह वैदिक मंत्रोच्चार से आरंभ होगा, जिसके बाद “विकसित भारत @ 2047” विषय पर अमृतकाल विमर्श आयोजित किया जाएगा। सप्ताह के दौरान होने वाली बौद्धिक चर्चाओं के लिए यह विमर्श भावी तकनीकी एवं सामाजिक दिशा तय करने का आधार बनेगा। समारोह का एक प्रमुख आकर्षण होगा ज्ञान-विज्ञान प्रांगण का उद्घाटन, जिसमें 3डी मेटावर्स माइनिंग, अत्याधुनिक सिस्मोलॉजी प्रणालियाँ, एआई संचालित डिजिटल ट्विन डैशबोर्ड, रोबोटिक्स और स्वच्छ ऊर्जा तकनीकों का जीवंत प्रदर्शन किया जाएगा। यह प्रांगण संस्थान की उस प्रगतिशील यात्रा का प्रतीक होगा जिसने इसे एक पारंपरिक खनन विद्यालय से आधुनिक तकनीकी संस्थान के रूप में रूपांतरित किया है।

पूरे सप्ताह के दौरान महत्वपूर्ण खनिज संसाधन, सतत ऊर्जा संक्रमण, भारतीय ज्ञान परंपरा, महिला-नेतृत्व वाले नवाचार, माइनिंग 4.0, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, फ्रंटियर जियोसाइंसेस तथा पर्यावरण संरक्षण जैसे विषयों पर राष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक आयोजन होंगे। इसके साथ ही विद्यालयी छात्रों के लिए कार्यशालाएँ, रोबोटिक्स गतिविधियाँ, नवाचार प्रतियोगिताएँ और विज्ञान-प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी आयोजित की जाएँगी। एसपीआईसी मैके, लोक कलाकारों, रंगमंच दलों और छात्र कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ समारोह को और ऊर्जावान बनाएँगी।

सप्ताह का एक महत्वपूर्ण आकर्षण पूर्व छात्रों का सम्मेलन होगा, जिसमें पूर्व निदेशक, पूर्व अध्यक्ष तथा देश-विदेश के प्रतिष्ठित पूर्व छात्र संस्थान की सौ वर्षों की यात्रा और भविष्य की दिशा पर विचार-विमर्श करेंगे। विरासत प्रदर्शनी एवं आर्काइव वॉक के माध्यम से आगंतुकों को संस्थान के ऐतिहासिक विकास की महत्वपूर्ण झलकियाँ दिखाई जाएँगी।

सप्ताह का समापन 9 दिसंबर को 100वें स्थापना दिवस समारोह के साथ होगा, जिसमें अडाणी समूह के अध्यक्ष गौतम अडाणी मुख्य अतिथि होंगे और वे प्रतिष्ठित स्थापना दिवस संबोधन देंगे। समापन कार्यक्रम में शताब्दी विशेष घोषणाएँ, पुरस्कार वितरण तथा एक भव्य ड्रोन शो भी शामिल होगा, जो संस्थान की नई सदी की शुरुआत का प्रतीक होगा।

आईआईटी (आईएसएम) धनबाद इस अवसर को अपनी शताब्दी उपलब्धियों पर गौरव के साथ-साथ नए संकल्पों के साथ मना रहा है। संस्थान उभरते क्षेत्रों—जैसे कि स्वच्छ ऊर्जा, महत्त्वपूर्ण खनिज अनुसंधान, एडवांस्ड कम्प्यूटेशनल साइंसेस, फ्यूचर माइनिंग और फ्रंटियर जियोसाइंसेस—में राष्ट्रीय विकास को गति देने के लिए प्रतिबद्ध है।

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