शिक्षक लगातार तीन दिन विलंब से स्कूल पहुंचें तो एक आकस्मिक अवकाश 

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शिक्षक लगातार तीन दिन विलंब से स्कूल पहुंचें तो एक आकस्मिक अवकाश 

छात्रों की न्यूनतम 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य 

सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए विभाग सख्त

डीजे न्यूज, रांची : सरकारी विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने नए नियम जारी किए हैं। विभाग ने शिक्षकों की समय पर उपस्थिति और छात्रों की कक्षा में नियमितता पर पैनी नजर रखने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं।

शिक्षकों की समय पर उपस्थिति अनिवार्य

नए नियमों के तहत शिक्षकों को अब हर हाल में समय पर विद्यालय पहुंचना होगा। यदि कोई शिक्षक लगातार तीन दिन विलंब से आता है, तो उसे एक आकस्मिक अवकाश माना जाएगा। विभाग के सचिव उमाशंकर सिंह ने इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला शिक्षा अधीक्षक को पत्र लिखकर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

प्रार्थना सभा और पाठ्यक्रम में बदलाव

अधिसूचना में प्रार्थना सभा के संचालन को लेकर भी निर्देश दिए गए हैं। अब प्रार्थना सभा के अंत में दैनिक समाचार वाचन, करेंट अफेयर्स, अंग्रेजी में एक छोटी नैतिक कहानी, मादक पदार्थों के दुरुपयोग की रोकथाम, सड़क सुरक्षा और पर्यावरण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर छात्रों को जागरूक किया जाएगा।

छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए विशेष उपाय

झारखंड एकेडमिक काउंसिल के दिशानिर्देशों के अनुसार, छात्रों की न्यूनतम 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी छात्रों को शत-प्रतिशत उपस्थिति के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। प्रत्येक महीने 75 प्रतिशत से कम उपस्थिति वाले छात्रों की पहचान की जाएगी और उनके अभिभावकों को प्रधानाध्यापक द्वारा छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए ज्ञापन जारी किया जाएगा।

अधिकारियों को नियमित निरीक्षण के निर्देश

जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला शिक्षा अधीक्षक को नियमित रूप से विद्यालयों का दौरा करने और निरीक्षण करने का आदेश दिया गया है। निरीक्षण के बाद, उन्हें संबंधित जिले के उपायुक्त, माध्यमिक शिक्षा निदेशक और राज्य परियोजना निदेशक को विस्तृत रिपोर्ट सौंपनी होगी।

अभिभावक-शिक्षक बैठक और स्कूल प्रबंधन समिति की बैठक

विद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति सुनिश्चित करने और इसे बढ़ाने के लिए अभिभावकों को जागरूक करने के लिए प्रत्येक तीन महीने में अभिभावक-शिक्षक बैठक और प्रत्येक महीने स्कूल प्रबंधन समिति की बैठक आयोजित करना अनिवार्य होगा। इसकी जानकारी रजिस्टर में दर्ज करनी होगी।

प्रधानाध्यापक की जिम्मेदारी

विभागीय अधिसूचना के अनुसार, इन सभी निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने की अंतिम जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक की होगी। प्रधानाध्यापक को सुनिश्चित करना होगा कि सभी शिक्षक और छात्र नए नियमों का पालन करें और विद्यालय में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो।

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