



शिक्षा केवल अच्छे अकादमिक परिणामों तक सीमित नहीं : कैलाश अग्रवाला

डॉ एनके सिंह ने डायबिटीज एवं ईएनटी विशेषज्ञ डॉ एके झा ने कान की सुरक्षा के लिए छात्रों को दी सलाह
धनबाद पब्लिक स्कूल केजी आश्रम के दो दिवसीय 36 वें वार्षिकोत्सव का निरंतर कर्म पथ पर अग्रसरता, कर्मयोग, निर्भय जीवन और हर परिस्थिति में संतुलन का संदेश के साथ भव्य समापन
डीजे न्यूज, धनबाद : धनबाद पब्लिक स्कूल केजी आश्रम के दो दिवसीय 36 वें वार्षिकोत्सव का समापन निरंतर कर्म पथ पर अग्रसरता, कर्मयोग, निर्भय जीवन और हर परिस्थिति में संतुलन का संदेश के साथ हुआ। मुख्य अतिथि आरएसएसडीआई के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ एनके सिंह ने छात्रों को डायबिटीज से बचाव, प्राकृतिक एवं स्वस्थ जीवन शैली अपनाने तथा फोन एडिक्शन से बचने की सलाह दी। विशिष्ट अतिथि ईएनटी विशेषज्ञ डॉ एके झा ने छात्रो के लिए अपने संदेश में पाँचों ज्ञानेंद्रियों में कान को सर्वोच्च बताते हुए इसकी सुरक्षा हेतु ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने की सीख दी। कहा कि अत्यधिक शोर हमारे लिए अनेक स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। स्कूल के अध्यक्ष एवं शिक्षा विकास ट्रस्ट के चेयरमैन कैलाश प्रसाद अग्रवाला ने उपस्थित अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा विश्वास है कि शिक्षा केवल अच्छे अकादमिक परिणामों तक सीमित नहीं होती। यह आत्मविश्वासी, संवेदनशील और सक्षम युवाओं के निर्माण की प्रक्रिया है। प्राचार्या शारदा महाजन ने विद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट मे शैक्षणिक, खेलकूद एवं सह-पाठ्यक्रम क्षेत्रों में प्राप्त उल्लेखनीय उपलब्धियों पर विस्तार से प्रकाश डाला । खेलकूद, योगासन कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को प्रशस्ति पत्र एवं नकद देकर पुरस्कृत किया गया। शिक्षा विकास ट्रस्ट के उपाध्यक्ष शंभूनाथ अग्रवाल, सचिव अनिल डालमिया, स्कूल के सचिव सीए अनिल अग्रवाल, कोषाध्यक्ष पवन लोढ़ा, विवेकानंद विद्यालय के अध्यक्ष ओमप्रकाश कास्ट, हीरक ब्रांच के अध्यक्ष प्रभास डोकानिया समेत दर्जनों ट्रस्टी मौजूद थे। छात्राओं ने गणपति वंदना एवं स्वागत नृत्य प्रस्तुत कर अतिथियों का अभिनंदन किया। इसके पश्चात विद्यार्थियों ने रंगारंग प्रस्तुतियों के माध्यम से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। बच्चों की सभी प्रस्तुतियाँ अत्यंत सराहनीय रहीं। कार्यक्रम के प्रमुख आकर्षण थे- देश मेरा, ओम शांति ओम, केसरी के लाल, पिंगा, वन अर्थ, गंगा, तू जिंदगी है, सेना की जय, श्रीकृष्ण के कर्म, संघर्ष एवं जीवन जीने की कला का संदेश देता हुआ फिनाले नृत्य।



