सीआईआर और टैरिफ तानाशाही के खिलाफ माले का विरोध, चुनावी अधिकार बचाने और लोकतंत्र की रक्षा के लिए गूंजे नारे

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सीआईआर और टैरिफ तानाशाही के खिलाफ माले का विरोध, चुनावी अधिकार बचाने और लोकतंत्र की रक्षा के लिए गूंजे नारे

डीजे न्यूज, बिरनी(गिरिडीह) : स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भाकपा माले ने केंद्र सरकार की नीतियों और निर्णयों के खिलाफ तिरंगा यात्रा सह प्रतिवाद मार्च निकालकर विरोध दर्ज कराया। यह यात्रा पार्टी कार्यालय से शुरू होकर सिमराढाब, पलौंजिया, बिराजपुर होते हुए प्रखंड मुख्यालय के मुख्य द्वार तक पहुँची। इस मार्च में कार्यकर्ता और नेता हाथों में तिरंगा लिए हुए आगे बढ़े और रास्ते भर केंद्र सरकार के खिलाफ तीखे नारे लगाए।

नारेबाजी के दौरानचुनाव चोर–गद्दी छोड़ मताधिकार बचाओ–लोकतंत्र बचाओ, सीआईआर रद्द करो, ट्रंप की टैरिफ तानाशाही नहीं चलेगी  जैसे स्वर लगातार गूंजते रहे। प्रखंड कार्यालय पहुँचने पर यह यात्रा एक नुक्कड़ सभा में तब्दील हो गई।

नुक्कड़ सभा में गूंजा विरोध का स्वर

सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (सीआईआर) के नाम पर गरीबों और प्रवासी मजदूरों के मताधिकार पर हमला किया जा रहा है, जो लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।

साथ ही अमेरिकी ट्रंप प्रशासन की टैरिफ नीतियों को “तानाशाही” करार देते हुए उसका भी विरोध किया गया। नेताओं ने कहा कि आज की स्थिति में आम जनता कहीं भी सुरक्षित नहीं है, और सरकार पूरी तरह विफल साबित हो रही है।

इस तिरंगा यात्रा सह प्रतिवाद मार्च का नेतृत्व भाकपा माले प्रखंड सचिव सह उप प्रमुख शेखर शरण दास ने किया।

इस मौके पर भाकपा माले राज्य कमिटी सदस्य सीताराम सिंह, प्रमुख रामु बैठा, मुस्तकीम अंसारी, संतोष दास, मुखिया सहदेव यादव, सीताराम पासवान, कैलाश यादव, रामविलास पासवान, मुंशी विश्वकर्मा, रामसहाय यादव, राजेश विश्वकर्मा, इम्तियाज अली, गोपाल पंडित, विष्णुदेव वर्मा, सागिर अंसारी, विजय राय सहित सैकड़ों कार्यकर्ता और समर्थक शामिल हुए।

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