
सभी निजी स्कूलों में बनेगी शुल्क समिति
झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण (संशोधन) अधिनियम 2017 के तहत जिला समिति गठन के लिए बैठक आयोजित
डीजे न्यूज, गिरिडीह : जिला प्रशासन ने झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण (संशोधन) अधिनियम 2017 के आलोक में जिला स्तर पर जिला समिति गठन के लिए बैठक आयोजित की। अपर समाहर्ता की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में विधायक बगोदर नागेंद्र महतो, सांसद प्रतिनिधि कोडरमा लोकसभा दिनेश यादव, विधायक प्रतिनिधि गिरिडीह, गांडेय और अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण की भूमिका
बैठक में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण का गठन सहायता प्राप्त संबद्ध एवं निजी विद्यालयों के शिक्षकों एवं इन संस्थानों में अध्ययनरत छात्रों के माता-पिता/अभिभावकों के शिकायतों के निवारण हेतु एक अपीलीय न्यायाधिकरण के रूप में किया गया है। उन्होंने बताया कि निजी विद्यालयों के शुल्क निर्धारण के लिए निर्धारित मापदंड नहीं होने के कारण माननीय झारखंड उच्च न्यायालय के निर्देश पर झारखंड सरकार ने झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण (संशोधन) अधिनियम, 2017 अधिनियमित किया है।
शुल्क समिति का गठन और कार्य
झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण (संशोधन) अधिनियम, 2017 के तहत प्रत्येक विद्यालय में एक शुल्क समिति होगी, जिसमें निजी विद्यालय के प्रबंधन द्वारा मनोनीत प्रतिनिधि, प्रधानाचार्य, शिक्षक और माता-पिता शिक्षक संघ द्वारा नामित माता-पिता सदस्य होंगे। शुल्क समिति का कार्यकाल तीन शैक्षणिक वर्षों के लिए होगा और शुल्क निर्धारण के कारकों में विद्यालय की अवस्थिति, गुणात्मक शिक्षा के लिए छात्रों को उपलब्ध कराई गई संरचनाएं, प्रशासन और रख-रखाव पर व्यय आदि शामिल होंगे।
शुल्क निर्धारण की प्रक्रिया
शुल्क समिति प्रस्तावित शुल्क संरचना की प्राप्ति की तारीख से तीस दिनों की अवधि के भीतर फीस को मंजूरी देगी और लिखित रूप में स्वीकृत शुल्क के विवरणियों को प्राचार्य को संप्रेषित करेगी। शुल्क समिति द्वारा निर्धारित शुल्क दो वर्षों के लिए प्रभावी होगी।