
सभी बच्चों को सुरक्षित, पोषणयुक्त और शिक्षापरक वातावरण उपलब्ध कराएं : रामनिवास यादव
बाल संरक्षण पर उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला स्तरीय बैठक आयोजित, बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए दिए महत्वपूर्ण निर्देश
शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण और सुरक्षा पर रहा विशेष फोकस, मिशन वात्सल्य व अन्य योजनाओं की प्रगति की हुई समीक्षा
डीजे न्यूज, गिरिडीह : समाहरणालय में सोमवार को उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी रामनिवास यादव की अध्यक्षता में जिला बाल कल्याण और संरक्षण समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक का मुख्य उद्देश्य जिले में बच्चों के अधिकार, कल्याण और सुरक्षा से संबंधित विभिन्न पहलुओं की समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करना था।
बैठक में उपायुक्त ने स्पष्ट कहा कि बाल संरक्षण एक अत्यंत संवेदनशील और महत्वपूर्ण विषय है, जिसमें किसी भी स्तर पर कोताही नहीं बरती जा सकती। उन्होंने यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया कि सभी बच्चों को एक सुरक्षित, पोषणयुक्त और शिक्षापरक वातावरण मिले, जिससे उनका समग्र विकास हो सके।
बैठक में प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा:
🔹 मिशन वात्सल्य योजना के अंतर्गत कार्यरत सभी इकाइयों की समीक्षा की गई, जिसमें जिला बाल संरक्षण इकाई (DCPU), बाल कल्याण समिति (CWC), किशोर न्याय बोर्ड (JJB), चाइल्डलाइन सेवा, वन स्टॉप सेंटर आदि शामिल थे।
🔹 चाइल्ड लाइन की गतिविधियों और उनसे जुड़ी समस्याओं पर विशेष चर्चा की गई।
🔹 फॉस्टर केयर योजना, चाइल्ड प्रोटेक्शन पॉलिसी, वल्नेरेबिलिटी मैपिंग, सड़क पर जीवन यापन कर रहे बच्चों को शिक्षा से जोड़ना, बाल श्रम, बाल व्यापार, बाल विवाह, पॉक्सो एक्ट व किशोर न्याय अधिनियम पर गंभीर विमर्श हुआ।
उपायुक्त द्वारा दिए गए निर्देश:
संबंधित सभी विभाग बाल संरक्षण के मुद्दों को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।
विशेष परिस्थितियों में रहने वाले किशोर-किशोरियों की पहचान कर उन्हें उचित संरक्षण और विकास के अवसर प्रदान किए जाएं।
चाइल्ड प्रोटेक्शन सिस्टम को और अधिक सशक्त बनाने के लिए इंटर डिपार्टमेंटल कोऑर्डिनेशन को बेहतर किया जाए।
बाल संरक्षण से जुड़े सभी हितधारकों के बीच नियमित संवाद और संयुक्त रणनीति विकसित की जाए।
सड़क पर रहने वाले बच्चों को शिक्षा, पोषण और स्वास्थ्य सुविधाओं से जोड़ने की कार्ययोजना तैयार की जाए।
उपस्थित अधिकारी
बैठक में उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, सहायक श्रमायुक्त, जिला शिक्षा पदाधिकारी, सहायक नगर आयुक्त, बाल संरक्षण पदाधिकारी समेत सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। सभी अधिकारियों ने अपने-अपने विभागीय दायित्वों के अनुरूप योजनाओं की अद्यतन स्थिति से उपायुक्त को अवगत कराया और सहयोगात्मक प्रयास के लिए प्रतिबद्धता जताई।
उपायुक्त ने अंत में सभी से अपील की कि बच्चों का कल्याण हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है, और प्रशासन इस दिशा में हरसंभव प्रयास करेगा ताकि जिले का हर बच्चा सुरक्षित और सम्मानपूर्ण जीवन जी सके।