
संयुक्त प्रयास से ही शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार संभव : कृष्ण देव सिंह
बेंगाबाद में गुरू गोष्ठी आयोजित, स्कूलों में छात्रों की शत-प्रतिशत उपस्थिति पर जोर
डीजे न्यूज, बेंगाबाद (गिरिडीह) : प्रखंड प्रखंड संसाधन केंद्र, बेंगाबाद में दो दिवसीय गुरू गोष्ठी का शनिवार को समापन हो गया। गुरू गोष्ठी में शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार और विद्यालय संचालन की रणनीतियों पर मंथन हुआ। इस दौरान विद्यालयों के शैक्षणिक प्रगति की समीक्षा, शिक्षण योजनाओं का मूल्यांकन, नामांकन और बच्चों की उपस्थिति दर जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की गई। साथ ही आगामी शैक्षणिक सत्र की रूपरेखा पर भी विचार किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी कृष्ण देव सिंह ने कहा कि शिक्षक, छात्र और अभिभावकों के सम्मिलित प्रयास से ही शिक्षा की गुणवत्ता मेंं सुधार किया जा सकता है। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि बच्चों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करें। गांव का एक भी बच्चा ऐसा न रहे जिसका नामांकन स्कूल में न हो और वह नियमित रूप से स्कूल न जाए। पहले दिन शुक्रवार को प्रथम सत्र सुबह नौ से 11 बजे तक मध्य विद्यालय पारडीह, उत्क्रमित मध्य विद्यालय घाघरा एवं उत्क्रमित मध्य विद्यालय गेनरो संकुल में तथा द्वितीय सत्र सुबह 11 बजे से दोपहर एक बजे तक राजकीय बुनियादी विद्यालय बेंगाबाद, उत्क्रमित मध्य विद्यालय भोजदहा उर्दू तथा मध्य विद्यालय छोटकी खरगडीहा की गुरू गोष्ठी हुई।
वहीं दूसरे दिन शनिवार को प्रथम सत्र उत्क्रमित मध्य विद्यालय झलकडीहा, मध्य विद्यालय चपुआडीह तथा मध्य विद्यालय चकदाहा संकुल में एवं द्वितीय सत्र प्राथमिक विद्यालय निगोटोल, उत्क्रमित मध्य विद्यालय कोल्हरिया एवं उत्क्रमित मध्य विद्यालय डोगा पहाड़ी कन्या संकुल की हुई। गुरू गोष्ठी में शिक्षक रामदेव वर्मा, राज नारायण वर्मा, प्रणय मिश्रा, मनोहर सिंह, सुमन प्रसाद, रंजीत कुमार, लखन राणा आदि शामिल थे।
विदित हो कि प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी ने गुरू गोष्ठी में प्रखंड के सभी सरकारी विद्यालयों के प्रधानाध्यापक सह सचिवों की उपस्थिति अनिवार्य की थी। साथ ही, संकुल एवं प्रखंड साधन सेवियों को भी निर्धारित प्रतिवेदनों के साथ ससमय उपस्थित रहने का निर्देश दिया था। प्रखंड शिक्षा कार्यालय ने यह भी स्पष्ट किया था कि बैठक से अनुपस्थित रहने पर संबंधित पदाधिकारियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जा सकती है। गौरतलब है कि इस गुरू गोष्ठी में “रूम टू रीड” जैसी शैक्षणिक सहयोगी संस्था सहित जिला एवं क्षेत्रीय स्तर के पदाधिकारियों को भी सूचना दी गई थी, जिससे बैठक को अधिक प्रभावशाली बनाया जा सके।