संयुक्त जनवादी आंदोलन से प्रतिरोध की तैयारी: सीटू

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संयुक्त जनवादी आंदोलन से प्रतिरोध की तैयारी: सीटू

डीजे न्यूज, रांची: सेन्टर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (सीटू) ने भारत की मातृ उद्योग के रूप में माने जाने वाला हेवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन (एचईसी) को भारत सरकार द्वारा बंद करने की पहल की निंदा करते हुए इसे भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की औद्योगिक क्षमता को कमजोर करने की एक बड़ी साजिश बताया है। रांची स्थित इस ऐतिहासिक उद्योग बंद करने के खिलाफ सीटू ने राज्यव्यापी जनसंघर्ष का आह्वान किया। सीटू नेताओं ने कहा कि देश का यह महान संस्थान जिसने देश को औद्योगिक ताकत, तकनीकी आत्मनिर्भरता और रणनीतिक मजबूती दी। जिसने इसरो के लॉन्च पैड बनाए, डीआरडीओ के रणनीतिक ढाँचे तैयार किए, स्टील, कोल और माइनिंग सेक्टर की भारी मशीनरी खड़ी की और भारत के औद्योगिकरण की रीढ़ गढ़ी।
सीटू राज्य कमिटी के महासचिव विश्वजीत देब ने कहा कि वी.के. सारस्वत कमेटी और कई दूसरी पार्लियामेंट्री कमेटियों की सिफारिशों को दरकिनार करते हुए उस एचईसी जैसे महत्वपूर्ण उद्योग को बंद करने का निर्णय सुनियोजित सरकारी षडयंत्र का परिणाम है।
इन सभी प्रतिकूलताओं के बावजूद , एचईसी के मजदूर व अधिकारी 28 महीने से बिना वेतन के एचईसी को चला रहे है। एचईसी केवल रोजी-रोटी नहीं, बल्कि देश की औद्योगिक आत्मा है।  एचईसी को बंद करने का असली मकसद एचईसी की 5000 एकड़ से ज्यादा जमीनें, जहां लाखों वर्ग फीट में टाउनशिप पर कॉरपोरेट की नजर है। एचईसी को बंद करने की सिफारिश न केवल वहां के मजदूरों बल्कि झारखंड के हजारों परिवारों, जिनकी जीवन जीविका एचईसी पर निर्भर है, उन पर हमला है। भारत की औद्योगिक क्षमता को कमजोर करने की एक बड़ी साजिश है. जो राष्ट्र विरोधी कदम है ।
एचईसी के पुनरुद्धार की दिशा में , सीटू की राष्ट्रीय , राज्य और जिला स्तरीय समितियों द्वारा, संबंधित मंत्रालय को मांग पत्र भेजा जा रहा है।
मांगें
एचईसी को बंद करने करने की पहल पर रोक लगाया जाए तथा इसकी आधुनिकीकरण सुनिश्चित किया जाए, बैंक गारंटी की संपूर्ण व्यवस्था बहाल कर कार्यशील पूंजी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, एचईसी कर्मचारियों के बकाया वेतन का भुगतान की जाए,
ठेका श्रमिकों की हाजिरी ,  नियमितीकरण एवं कार्य परिसर में मजदूरों-कर्मचारियों की बुनियादी जरूरतों की आपूर्ति सुनिश्चित किया जाए , मातृ उद्योग एचईसी परिसर की भूमि को न तो बेचा जाए और न ही पट्टे पर दिया जाए।
एचईसी को सभी प्रमुख उद्योगों और रणनीतिक क्षेत्रों से पर्याप्त ऑर्डर और बैंक गारंटी वापस कर उत्पादन फिर से शुरू किया जाए।

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