सांस्कृतिक संध्या ने स्थापना सप्ताह समारोह को बनाया यादगार नृत्य-संगीत-साहित्यिक रंगों से भरा पेनमैन ऑडिटोरियम

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सांस्कृतिक संध्या ने स्थापना सप्ताह समारोह को बनाया यादगार

नृत्य-संगीत-साहित्यिक रंगों से भरा पेनमैन ऑडिटोरियम

डीजे न्यूज, धनबाद:आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के शताब्दी स्थापना सप्ताह के उद्घाटन दिवस पर बुधवार की शाम पेनमैन ऑडिटोरियम में एक शानदार सांस्कृतिक संध्या आयोजित की गई। कार्यक्रम ने पूरे माहौल को उत्साह, संगीत, नृत्य और साहित्यिक रंगों से भर दिया। यह सांस्कृतिक प्रस्तुति शताब्दी समारोहों की शुरुआत को और भी यादगार बनाने वाला साबित हुआ।

कार्यक्रम में दीप्ति लेडीज़ क्लब की अध्यक्ष शकुंतला मिश्रा बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहीं। बड़ी संख्या में संस्थान के शिक्षक, कर्मचारी, विद्यार्थी, पूर्व छात्र और परिवारजन भी मौजूद रहे। पूरे कार्यक्रम का संचालन प्रो. रजनी सिंह, डीन (कॉरपोरेट कम्युनिकेशंस) ने किया, जिनकी सहज और आकर्षक एंकरिंग ने दर्शकों की खूब सराहना हासिल की।

सांस्कृतिक संध्या की शुरुआत ‘गणेश वंदना’ से हुई, जिसे रिद्धि और सिद्धि ने प्रस्तुत किया। इसके बाद गौरी द्वारा प्रस्तुत ‘गिरि नंदिनी वंदना’ ने मंच पर शांत और भावपूर्ण माहौल बनाया।

इसके बाद मंच पर आया शानदार नृत्य-नाटक ‘प्रह्लाद चित्रम’, जिसने भक्ति, साहस और सत्य की कहानी को जीवंत अंदाज़ में दर्शाया। कलाकारों की अभिव्यक्ति और प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

फिर प्रस्तुत हुआ ‘जोहाड़ झारखंड’—एक जोशीला जनजातीय नृत्य, जिसने झारखंड की लोक संस्कृति और ऊर्जा को मंच पर बखूबी उतारा। इसके बाद ‘नमामि नमामि’ भक्ति गीत पर आधारित शिव वंदना ने पूरे ऑडिटोरियम को आध्यात्मिकता से भर दिया।

संध्या को और रंगीन बनाया श्यामला और समूह के ग्रुप डांस ने, जिसमें आधुनिक ताल और उत्साह का सुंदर मेल दिखाई दिया।

कार्यक्रम के अंतिम चरण में आयोजित कवि सम्मेलन ने साहित्यिक माहौल पैदा किया, जहाँ कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से हास्य, भावनाओं और सामाजिक संदेशों का खूबसूरत समन्वय पेश किया। दर्शकों ने कविता-संध्या का भरपूर आनंद लिया।

यह सांस्कृतिक संध्या आइआइटी-आइएसएम की उस समृद्ध परंपरा को दर्शाती है जिसमें शिक्षा के साथ-साथ कला, संस्कृति और सामुदायिक जुड़ाव भी महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। शताब्दी वर्ष के इस खास अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों ने संस्थान के गौरव, विरासत और एकजुटता को और मजबूत किया।

शताब्दी सप्ताह के दौरान विभिन्न शैक्षणिक सत्र, प्रदर्शनी, पूर्व छात्र मिलन और अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम जारी रहेंगे।

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