
संस्कृति की पहचान है हस्तशिल्प : भुवन भास्कर
चेतना महाविद्यालय में शिल्प प्रदर्शन एवं जागरूकता शिविर शुरू
डीजे न्यूज, पूर्वी टुंडी, धनबाद : चेतना महाविद्यालय, सहराज में बच्चों को झारखंड की हस्तशिल्प और संस्कृति के प्रति जागरूक करने हेतु तीन दिवसीय शिल्प प्रदर्शन एवं जागरूकता शिविर का शुभारंभ शुक्रवार को दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। इस शिविर का आयोजन वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत विकास आयुक्त हस्तशिल्प कार्यालय, देवघर द्वारा किया गया।
शिविर के प्रथम दिन कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि सहायक निदेशक हस्तशिल्प भुवन भास्कर, चेतना महाविद्यालय के संरक्षक शैलेंद्र सिंह एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर भुवन भास्कर ने कहा कि हस्तशिल्प संस्कृति की पहचान है और ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से बच्चों में झारखंड की सभ्यता एवं संस्कृति के प्रति रुझान बढ़ेगा। उन्होंने नई शिक्षा नीति के तहत हस्तशिल्प विद्या को शामिल किए जाने के महत्व पर भी प्रकाश डाला।
संरक्षक शैलेंद्र सिंह ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम विद्यालयों में प्रतिवर्ष आयोजित किए जाने चाहिए ताकि विद्यार्थियों में कला और संस्कृति की सही समझ विकसित हो। उन्होंने यह भी कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए यह कार्यक्रम स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने में सहायक सिद्ध होगा।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को झारखंड के चार प्रमुख हस्तशिल्प—बांस शिल्प, टेराकोटा, सोहराय लोकचित्रकला, और डॉल एवं टॉयज—की बारीकियों से अवगत कराना तथा भारतीय हस्तशिल्प विरासत के प्रति जागरूक करना है।
इस प्रशिक्षण में 100 से अधिक छात्रों के साथ प्राचार्य हेनालाल हेम्ब्रम, शिक्षकगण अनिल मुर्मू, रविंद्र टुडू, पंकज, सुनीता, गणेश, रुपलाल एवं अन्य मौजूद रहे। तीन दिवसीय यह कार्यक्रम निश्चित रूप से विद्यार्थियों के लिए लाभदायक सिद्ध होगा और अपने उद्देश्य में सफल रहेगा।