
रसोईयों ने न्यूनतम मजदूरी नहीं मिलने पर दी हड़ताल की चेतावनी
डीजे न्यूज, जामताड़ा : सीटू (CITU) से संबद्ध झारखंड राज्य रसोईया संयोजिका यूनियन, जिला शाखा की बैठक प्रातः 9 बजे सीपीआई(एम) पार्टी कार्यालय, ज्योति बसु भवन, जामताड़ा में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता संगठन की जिला अध्यक्ष मकीमा बीवी ने की।
बैठक की शुरुआत अहमदाबाद विमान दुर्घटना में मृत यात्रियों, विमान कर्मियों एवं मेडिकल छात्रों को श्रद्धांजलि अर्पित कर की गई। इसके उपरांत मकीमा बीवी की अध्यक्षता में बैठक की कार्रवाई प्रारंभ हुई।
बैठक में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित झारखंड राज्य आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका यूनियन के राज्य कोषाध्यक्ष एवं सीटू राज्य कमेटी सदस्य लखनलाल मंडल ने केंद्र की मोदी सरकार पर मजदूर विरोधी नीतियों को लेकर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार कारपोरेट हित में काम कर रही है, जिससे मजदूर वर्ग की हालत बदतर होती जा रही है। उन्होंने 9 जुलाई को प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल का समर्थन करते हुए बताया कि यह हड़ताल चारों लेबर कोड को रद्द करने सहित 17 सूत्री मांगों को लेकर की जा रही है।
बैठक में कार्यकारी अध्यक्ष मोहन मंडल एवं मैना सिंह ने संगठन को मजबूत करने पर बल देते हुए मिड डे मील प्रबंधन में आ रही कठिनाइयों पर विस्तार से चर्चा की। वहीं सीटू के वरिष्ठ नेता चंडी दास पुरी ने कहा कि रसोईया बहनों को अब तक न्यूनतम मजदूरी तक नहीं मिल रही है, जो कि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने रसोईयों से आह्वान किया कि वे संगठित होकर अपने अधिकारों के लिए संघर्ष तेज करें और जवाबदेही के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें।
मकीमा बीवी ने अपने संबोधन में कहा कि आने वाले दिनों में संगठन के निर्देश पर सड़क पर उतर कर राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल को सफल बनाया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि हम सरकार की जनविरोधी और दमनकारी नीतियों को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेंगे।
बैठक में उपस्थित सदस्यों ने तालियों की गड़गड़ाहट से मकीमा बीवी के वक्तव्य का समर्थन करते हुए आंदोलन को और तेज करने का संकल्प लिया।
इस बैठक में जिला सचिव नूरजहां खातून, संध्या देवी, आरती देवी, सोमा बावरी, भवानी किस्कु, नुनीवाला देवी, ललिता देवी, लक्ष्मी प्रिया देवी, सुप्रिया देवी, मंगला सिंह, शामिला बीवी, निषेदी हेमराम, प्रमिला मुर्मू, रसमोनी सोरेन सहित बड़ी संख्या में रसोईया एवं संयोजिकाएं उपस्थित थीं।
बैठक में संगठन को मजबूत करने, अधिकारों के लिए संघर्ष तेज करने और आम हड़ताल को सफल बनाने हेतु व्यापक रणनीति तय की गई।