


राष्ट्रीय समन्वय समिति की दो दिवसीय बैठक शुरू,
आदिवासी अधिकारों पर बढ़ते हमले के खिलाफ चलाएंगे देशव्यापी अभियान: जितेन चौधरी,
भाषा और संस्कृति की रक्षा के लिए सजग रहें आदिवासी: रत्नाकर भेंगरा
डीजे न्यूज, रांची: आदिवासी अधिकार राष्ट्रीय मंच की अखिल भारतीय समन्वय समिति की दो दिवसीय बैठक का शुभारंभ गुरुवार को रांची में हुआ। सर्वप्रथम संगठन का झंडा फहराया गया। शहीद बिरसा मुंडा और फादर स्टेन स्वामी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर बैठक शुरू हुई।
देश के 15 राज्यों से आए समन्वय समिति के सदस्य बैठक में हिस्सा ले रहे हैं।
मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष और त्रिपुरा विधानसभा में नेता विपक्ष जितेन चौधरी ने अपने संबोधन में देश में आदिवासी समुदाय के संवैधानिक अधिकारों को सीमित करने, उनकी विशिष्टता का लगातार क्षरण, जल, जंगल, जमीन और खनिज की लूट बढ़ने पर गंभीर चिंता व्यक्त की।
समिति के अध्यक्ष और झारखंड हाई कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस रत्नाकर भेंगरा ने आगामी जनगणना में आदिवासियों के लिए अलग पहचान का काॅलम, संविधान की 5 वीं अनुसूची के अंतर्गत आदिवासियों को मिली विशेष सुरक्षा के प्रावधानों तथा आदिवासियों के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए कुछ एतिहासिक निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि आज एक साजिश के तहत पहचान की राजनीति को बढाया जा रहा है। इससे मेहनतकशों के बीच एकता कमजोर होगी जिसका फायदा शोषण करने वाले ताकतों को ही होगा।
मंच के राष्ट्रीय संयोजक व पूर्व सांसद पुलिन बिहारी बास्की, उपाध्यक्ष बृन्दा कारात, खेत मजदूर युनियन के राष्ट्रीय महासचिव वेंकटेश् के अलावा मंच के संताल परगना संयोजक सुभाष हेम्ब्रम, छोटानागपुर संयोजक सुखनाथ लोहरा और आदिम जनजाति मंच के देवी सिंह पहाड़िया ने संबोधित किया।
आज की बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर झारखंड में कोल ब्लाक के चलते विभिन्न कोयला खनन परियोजनाओं से हो रहे विस्थापन, प्रदूषण और दुघर्टनाओं की समस्या का एक समय सीमा में सामाधान निकाले जाने और साथ ही चाईबासा में इसी मुद्दे पर आदिवासियों के विरोध प्रदर्शन का दमन किए जाने की भर्त्सना करते हुए इस घटना के जिम्मेवार दोषियों पर कार्रवाई किए जाने की मांग की गई।
