राज्य कर्मी दर्जा सहित छह मांगों पर नहीं बनी सहमति 

Advertisements

राज्य कर्मी दर्जा सहित छह मांगों पर नहीं बनी सहमति 

 सातवें दिन भी जारी रहा जेएसएलपीएस कर्मियों का अनिश्चितकालीन हड़ताल, सांसद सरफराज अहमद को सौंपा मांगपत्र

डीजे न्यूज, गिरिडीह : झारखंड राज्य आजीविका कर्मचारी संघ, जिला इकाई (सम्बद्ध — झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ) की ओर से राज्य कर्मी का दर्जा और छह सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुक्रवार से लगातार सातवें दिन भी जारी रही। गिरिडीह जेएसएलपीएस जिला कार्यालय के समकक्ष चल रहे इस आंदोलन के तहत आज संघ के प्रतिनिधिमंडल ने माननीय राज्यसभा सदस्य सरफराज अहमद को मांगपत्र सौंपकर सरकार से तत्काल निर्णय लेने की मांग की।

कर्मियों ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार एक तरफ नई नियुक्तियां कर रही है, जबकि जेएसएलपीएस कर्मचारियों को मानदेय, पदोन्नति और मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा जा रहा है। स्थिति यह है कि आजीविका मिशन चलाने वाले कर्मचारी स्वयं आजीविका के संकट में हैं, जबकि राज्यभर में समूहों से जुड़ी लाखों महिलाओं को वित्तीय सहयोग, प्रशिक्षण और तकनीकी जानकारी का प्रवाह पूरी तरह ठप हो गया है।

संघ के प्रतिनिधियों ने कहा कि पलाश (जेएसएलपीएस) के एल–5 से एल–8 स्तर के कर्मचारी राज्य के ग्रामीण इलाकों में आजीविका संवर्धन, महिला सशक्तिकरण, लोन सुविधा, तकनीकी प्रशिक्षण और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लेकिन मांगे वर्षों से लंबित होने पर कर्मचारियों में गहरा आक्रोश है।

कर्मियों की प्रमुख मांगें

1️⃣ एनएमएमयू पॉलिसी को बिना संशोधन लागू किया जाए।

2️⃣ सोसाइटी एक्ट से हटाकर सभी कर्मियों को राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाए।

3️⃣ एल–5 से एल–8 के सभी कर्मियों को आंतरिक प्रोन्नति का अवसर मिले।

4️⃣ हर वर्ष 10% स्वचालित वेतन वृद्धि लागू की जाए।

5️⃣ पिछले माह का मानदेय तत्काल भुगतान किया जाए।

6️⃣ कर्मियों की उम्र सीमा समाप्त हो चुकी है— ऐसे में अनुबंध/स्थायी स्वरूप का दर्जा देकर सेवा सुरक्षा दी जाए।

स्तर 7 और 8 के कर्मियों को गृह जिले के निकट स्थानांतरण की सुविधा भी दी जाए।

सभी FTE कर्मियों का वेतन SNA स्पर्श के एडमिन कॉस्ट लॉगिन आईडी से ही किया जाए।

अश्वासन बहुत मिले, कार्रवाई शून्य

संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि वर्षों से सिर्फ आश्वासन मिल रहा है, लेकिन किसी भी मांग पर अब तक ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इसी कारण आंदोलन अनिश्चितकालीन हड़ताल में बदल चुका है।

हड़ताल से पूरी आजीविका प्रणाली ठप

कर्मचारियों ने बताया कि हड़ताल के चलते

महिलाओं के स्वयं सहायता समूह की सभी गतिविधियां,

वित्तीय लेन–देन,

तकनीकी प्रशिक्षण,

योजनाओं की प्रगति,

रिपोर्टिंग और सुपरविजन पूरी तरह रुक गया है।

उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में जिला से लेकर ब्लॉक और पंचायत स्तर तक हर JSLPS कर्मी हड़ताल पर है, जिससे करोड़ों रुपये के वित्तीय लेन-देन और योजनाएं प्रभावित हो रही हैं।

सरकारी योजनाओं को जमीन पर उतारते हैं, फिर भी पहचान से वंचित

कर्मियों ने सरकार को याद दिलाया कि मनरेगा, बागवानी योजना, दीदीवाड़ी योजना, कुपोषण उन्मूलन, स्वास्थ्य जागरूकता, बाल विवाह रोकथाम, टीकाकरण, कृषि उपकरण व उद्यान विभाग की अनुदानित योजनाओं के साथ-साथ मछली पालन प्रशिक्षण जैसे लगभग सभी कार्यक्रमों को धरातल पर लागू करने में JSLPS कर्मी केंद्रीय भूमिका निभाते हैं, लेकिन स्थिति यह है किवे न तो स्थायी सरकारी कर्मचारी माने जाते हैं, न आउटसोर्स और न अनुबंध जिससे असमंजस और असुरक्षा दोनों बनी हुई है।”

उपस्थित पदाधिकारी

मौके पर जिला अध्यक्ष रामकिशोर महतो, कार्यकारी अध्यक्ष सुदीप कुमार गुप्ता, जिला सचिव विवेक कुमार, कोषाध्यक्ष राजकुमार रजक, जिला नोडल पंकज कुमार वर्मा, स्मिता रश्मि, एफटीसी रामचंद्र चौधरी सहित बड़ी संख्या में कर्मचारी मौजूद रहे। सभी ने एक सुर में कहा कि सरकार जब तक मांगों पर लिखित निर्णय नहीं लेती, अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगा।

Social media & sharing icons powered by UltimatelySocial
Scroll to Top