



राजधनवार में पीसीसी पथ के निर्माण में अनियमितता और लापरवाही का मामला सामने आया

डीजे न्यूज, राजधनवार, गिरिडीह : धनवार प्रखंड के पचरूखी पंचायत स्थित पचरूखी ग्राम में आरईओ रोड से दुर्गा मंडप तक बनाए गए लगभग दो हजार फीट लंबे पीसीसी पथ के निर्माण में भारी अनियमितता और लापरवाही का मामला सामने आया है। ग्रामीणों ने बताया कि सड़क बनने के सिर्फ बीस दिन के भीतर ही पीसीसी पथ जगह-जगह से टूटने लगा, दरारें उभर आईं और सतह बिखरने लगी।
सड़क निर्माण के दौरान किसी भी तरह का सूचना बोर्ड नहीं लगाया गया, जिससे ग्रामीणों को यह तक नहीं पता चला कि काम किस योजना के अंतर्गत हो रहा है, लागत कितनी है, संवेदक कौन है और निरीक्षण की जिम्मेदारी किस अधिकारी की है। ग्रामीणों ने इसे पारदर्शिता के नियमों का खुला उल्लंघन बताया।
पीसीसी ढलाई के बाद एक दिन भी पानी नहीं दिया गया
ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण कार्य पूरा होने के बाद से एक भी दिन पानी का छिड़काव नहीं किया गया, जबकि मानक के अनुसार पीसीसी को मजबूती देने के लिए कई दिनों तक पानी देना जरूरी होता है। पानी नहीं देने के कारण सड़क की पकड़ काफ़ी कमजोर हो गई और कुछ ही दिनों में पूरी सड़क उखड़ने लगी है ।
विरोध करने पर मिली धमकी
ग्रामीणों ने उक्त स्थल पर कार्य करवा रहे संवेदक पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जब ग्रामीणों ने संवेदक के लोगों से खराब निर्माण पर सवाल उठाया, तो उन्हें धमकाते हुए कहा गया कि चुपचाप काम करने दो, नहीं तो अच्छा नहीं होगा। उस वक्त ख़राब कार्य का विरोध करने वाले ग्रामीण चुप रहे परन्तु इस धमकी ने ग्रामीणों में और अधिक नाराजगी पैदा कर दी है।
क्या कहते हैँ ग्रामीण
हम लोग शुरू से देख रहे थे कि निर्माण में मिलावट हो रही है। सीमेंट कम, गिट्टी ज्यादा। काम का विरोध किया तो सीधे धमकी दे दी गई। सड़क 20 दिन में टूट गई, इससे ज्यादा क्या सबूत चाहिए?
चन्दन कुमार, पचरूखी निवासी
पीसीसी डालने के बाद पानी नहीं दिया गया। बिना पानी दिए कोई भी सड़क नहीं टिक सकती। हम लोगों की बात सुनने के बजाय हमें डरा दिया गया।
कामदेव रजक
हमने पूछा कि बोर्ड क्यों नहीं लगा है, कितना बजट है, कौन ठेकेदार है। लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया। यह साफ है कि कुछ न कुछ गड़बड़ है।
प्रदीप रजक
जब हमने मनमानी देखकर विरोध किया तो कहा गया ज्यादा बोलोगे तो ठीक नहीं होगा। यह तो खुलेआम गुंडागर्दी है। गांव की सड़क है, हम लोग बोलेंगे ही।
चन्दन रजक
मैं वार्ड सदस्य होने के बावजूद काम की जानकारी से वंचित रहा। सड़क बीस दिन में टूटना बता रहा है कि निर्माण पूरी तरह गलत तरीके से हुआ है। इस पथ में सीधा मिट्टी के ऊपर ढलाई कर दी गई,इसकी जांच होनी चाहिए।
विकास रजक,वार्ड सदस्य
सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए इस प्रकार के कार्य को सम्पन्न करवाया जाता है परन्तु संवेदक एवं समन्धित विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से लापरवाही एवं मनमानी तरीके से कार्य को पूर्ण कर लिया गया। यह गलत है और इसकी उच्च स्तरीय जाँच होनी चाहिए।
गोविंद यादव
काम के दौरान न इंजीनियर दिखे, न कोई तकनीकी निरीक्षण। मजदूर अपने हिसाब से काम कर रहे थे और वे स्वयं को इंजिनियर समझ रहे थे । ऐसे में मजबूत सड़क कैसे बनेगी?
हरि यादव
यह सड़क आम जनता की सुविधा के लिए है। सार्वजनिक धन की लूट हम नहीं होने देंगे। सड़क की पूरी तरह जांच कर दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
बद्री रजक
ग्रामीणों ने पीसीसी पथ निर्माण की उच्च स्तरीय तकनीकी जांच करवाने की मांग की है इसके अलावे संवेदक और संबंधित अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करने, सड़क को मानक के अनुसार दोबारा बनाये जाने,
धमकी देने वाले लोगों पर भी कार्रवाई करने की मांग की है
ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि इस मामले पर प्रशासन द्वारा कोई ठोस पहल नहीं किया गया तो स्थानीय ग्रामीण आंदोलन करने को बाध्य होंगे जिसकी सारी जवाबदेही प्रशासन एवं संबंधित विभाग की होगी।
