



पर्यावरण की रक्षा प्राथमिक जिम्मेदारी: पद्मश्री जामुना टुडू

समाज के समग्र विकास के लिए समावेशिता जरूरी; प्रो. सुकुमार मिश्रा
डीजे न्यूज, धनबाद: आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के शताब्दी फाउंडेशन वीक के चौथे दिन शनिवार की शुरुआत इंडियन नॉलेज सिस्टम और नारी शक्ति वर्कशॉप के उद्घाटन के साथ हुई। इसके बाद पूरे दिन प्लेनरी टॉक, पैनल डिस्कशन और आईआईटी (आईएसएम) के विभिन्न विभागों— मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान, मैनेजमेंट स्टडीज एवं इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग, मैथमैटिक्स एंड कंप्यूटिंग, फिजिक्स और केमिस्ट्री एंड केमिकल बायोलॉजी की सफलता की कहानियों पर आधारित सत्र आयोजित किए गे।
इसी दौरान स्कूल हेड्स और टीचर्स के लिए एक राष्ट्रीय कार्यशाला टेक्समीन स्मार्ट क्लासरूम में आयोजित की गई। पेनमैन ऑडिटोरियम में मैथमैटिक्स कोलोक्वियम हुआ, जिसके बाद फिजिक्स क्विज प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें बीटेक और पीजी छात्रों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया।
मुख्य अतिथि पद्मश्री जामुना टुडू, पर्यावरण संरक्षण की जानी-मानी कार्यकर्ता, ने छात्रों, शिक्षकों और प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए जीवन में मेहनत और संघर्ष के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण की रक्षा हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है और किसी भी शुभ काम से पहले एक पेड़ लगाने का संकल्प सभी को लेना चाहिए।
विशिष्ट अतिथि प्रो. कौशल वर्मा, शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार से सम्मानित और आईआईएससी बैंगलोर के प्रख्यात गणितज्ञ, ने कहा कि हम ऐसे दौर में हैं जहाँ सबकुछ तेजी से बदल रहा है। उन्होंने कहा, “100 साल किसी भी संस्था के लिए एक बार आते हैं। यह समय है आत्मनिरीक्षण का कि IIT (ISM) समाज के लिए आगे क्या दे सकता है।”

श्वेता मिश्रा, हेड ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन, टाटा स्टील झरिया डिवीजन, ने कंपनी द्वारा जेंडर इनक्लूजन के क्षेत्र में उठाए गए कदमों की चर्चा की। उन्होंने बताया कि टाटा स्टील ने जेंडर-न्यूट्रल मेडिकल कवरेज, जेंडर री-असाइनमेंट सर्जरी के लिए आर्थिक सहायता एवं छुट्टी, LGBTQ+ कर्मचारियों के लिए पेरेंटल बेनिफिट्स और ट्रांसजेंडर कर्मचारियों को भारी मशीनरी ऑपरेटर जैसे रोल में नियुक्त करने जैसी कई पहलें की हैं।
आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के निदेशक प्रो. सुकुमार मिश्रा ने कहा कि समाज के समग्र विकास के लिए समावेशिता बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि पुरुष और महिला एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, और किसी एक के बिना समाज पूर्ण नहीं हो सकता। यह भाव हमारे संस्कृति में हमेशा से रहा है।
कार्यक्रम की शुरुआत में प्रो. केका ओझा, डीन, कंटिन्यूइंग एजुकेशन प्रोग्राम, ने स्वागत भाषण दिया। धन्यवाद ज्ञापन प्रो. एस.पी. तिवारी, विभागाध्यक्ष, गणित एवं कंप्यूटिंग विभाग ने प्रस्तुत किया।
शाम को भूंगर खान मंगनियार के नेतृत्व में 10 सदस्यीय राजस्थानी लोक कलाकारों की टीम ने शानदार प्रस्तुति दी, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।
3 दिसंबर को शुरू हुए शताब्दी सप्ताह का समापन 9 दिसंबर को होगा। 100वें फाउंडेशन डे के समापन दिन अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।
