
प्रोजेक्ट किलकारी के तहत ऎप से किया जाएगा आंगनबाड़ी केंद्रों की निगरानी, केंद्र में जाने के बाद हीं कर सकेंगे ऐप को लॉगइन
आंगनबाड़ी केंद्र में मिलने वाली सेवाएं उत्कृष्ट हो, कोताही बर्दाश्त नही: उपायुक्त
डीजे न्यूज, धनबाद:
शनिवार को उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी आदित्य रंजन की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित सभागार में समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
इस दौरान उपायुक्त ने जिला के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों की अद्यतन स्थिति की जानकारी जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, सीडीपीओ एवं सभी महिला पर्यवेक्षिका से प्राप्त किया। उपायुक्त ने कहा कि आंगनबाड़ी की स्थिति ऐसी होनी चाहिए कि आसपास में रह रहे बच्चों को प्ले स्कूल जाने की आवश्यकता ना हो। वहीं सुविधाएं ऐसी उपलब्ध हो की सभी बच्चे प्रतिदिन आंगनबाड़ी केंद्र आए। इस दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है।
आंगनबाड़ी में मिलने वाली सेवाएं उत्कृष्ट हो, प्राथमिकता के साथ करें कार्य
उपायुक्त ने कहा कि आंगनवाड़ी में बच्चों एवं महिलाओं को मिलने वाली सेवाएं उत्कृष्ट हो ताकि लोग विश्वास कर आंगनबाड़ी केंद्रों में आए। जो भी निर्धारित सेवाएं सरकार द्वारा तय की गई है उन सभी सेवाओं को अक्षरशः पालन करते हुए लाभुकों तक पहुंचाने एवं बेहतर से बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। इसलिए आवश्यकता है कि आंगनबाड़ी केंद्रों में मिलने वाली सेवाएं उत्कृष्ट हो, इस दिशा में प्राथमिकता के साथ सभी कार्य करें। इस कार्य में किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
रिक्त पदों चयनित करें सेविका-सहायिका
उपायुक्त ने कहा कि धनबाद जिला अंतर्गत कई आंगनबाड़ी केंद्रों में सेविका सहायिका के पद रिक्त हैं। वैसे सभी रिक्त स्थानों पर जल्द से जल्द प्रक्रिया प्रारंभ कर चयन सुनिश्चित करें। साथ हीं उन्होंने कहा कि चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता का ध्यान रखते हुए एवं एसओपी का पालन करते हुए सभी रिक्त पदों पर चयन सुनिश्चित करें। इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की समस्या आती है तो जिला प्रशासन को सूचना दे, प्राथमिकता के तौर पर समाधान सुनिश्चित किया जाएगा।
एमटीसी में एक भी बेड रिक्त न हो
उपायुक्त ने एमटीसी की समीक्षा करते हुए कहा कि एमटीसी केंद्रों में एक भी बेड रिक्त ना हो इसकी जवाबदेही सभी महिला पर्यवेक्षिका एवं सीडीपीओ को दी जाती है। माल न्यूट्रिशन ट्रीटमेंट सेंटर में कुपोषित बच्चों की देखभाल करने हेतु भी कई दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि केंद्र में कई बेड खाली पड़े रहने की शिकायत मिलती है। सभी महिला पर्यवेक्षिका एवं सीडीपीओ अपने अपने पोषण क्षेत्र का भ्रमण करते हुए कुपोषित बच्चों को एमटीसी केंद्र तक पहुंचाएं।
बेहतर कार्य करने वाले केंद्रों को मिलेगा सभी संसाधन
उपायुक्त ने कहा कि कई ऐसे आंगनबाड़ी केंद्र है जहां सुविधाओं का अभाव होते हुए भी आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका द्वारा बच्चों एवं महिलाओं को अच्छी सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। ऐसे आंगनबाड़ी केंद्रों को चिन्हित करते हुए प्राथमिकता के तौर पर सबसे पहले सुविधा एवं सभी संसाधन उपलब्ध कराई जाएगी। वही अक्सर ऐसा देखा गया है कि जिस आंगनबाड़ी केंद्र में सुविधा एवं संसाधन की कमी नहीं है वहां की स्थिति आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका द्वारा अच्छी नहीं रखी गई है। वैसे आंगनबाड़ी को चिन्हित करते हुए स्थिति को सुधारने का कार्य किया जाएगा।
प्रोजेक्ट किलकारी के तहत ऐप किया गया जारी
उपायुक्त के द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों की निगरानी हेतु प्रोजेक्ट किलकारी के तहत एक ऐप का निर्माण किया गया है। इस ऐप के माध्यम से यह निगरानी की जाएगी की महिला पर्यवेक्षिका एवं सीडीपीओ अपने-अपने क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण कर रहे हैं या नहीं। यह ऐप आंगनवाड़ी केंद्र पहुंचने पर ही कार्य करेगी। इस ऐप के माध्यम से यह जानकारी दी जाएगी की सेविका एवं सहायिका आंगनबाड़ी केंद्र पहुंचे हैं या नहीं। अगर बच्चे पहुंचे हैं तो कितने बच्चे पहुंचे हैं कितने अनुपस्थित हैं। साथ ही आंगनबाड़ी केंद्र की स्थिति की लाइव फोटो के साथ उसे ऐप में अपलोड भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्वयं एवं डीडीसी व जिला समाज कल्याण पदाधिकारी भी समय समय निरीक्षण करेंगे।
इसके अलावा उपायुक्त ने कहा कि जो सबसे बेहतर आंगनबाड़ी केंद्र होंगे वैसे 200 केंद्रों की सेविका एवं सहायिका को आवासीय प्रशिक्षण जुलाई माह में दी जाएगी। साथ हीं सभी सेविका सहायिका का ओरिएंटेशन कराया जाएगा। जो अच्छा कार्य करेंगे उनके आंगनबाड़ी को लो कॉस्ट मॉडल से हाई कॉस्ट मॉडल में अपग्रेड किया जाएगा। सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में सुविधा एवं व्यवस्थाओं पर नंबर निर्धारित किए जाएंगे। जो आंगनवाड़ी केंद्र जैसा कार्य करेगी उसे उसके अनुरूप मार्किंग की जाएगी। साथ हीं महीने-महीने पर असेसमेंट भी होते रहेंगे। इसके लिए विशेष तौर पर टीम गठित कर कार्य किए जाएंगे और वैसे आंगनबाड़ी केंद्र जहां सेविका, सहायिका लंबे समय से उपस्थित नहीं हुई है उन लोगों को हटाने का भी निर्देश दिया गया। वही आधारभूत संरचना को लेकर भवन प्रमंडल, विद्युत विभाग एवं पेयजल स्वच्छ्ता के पदाधिकारियों को आपसी समन्वय स्थापित करते हुए कार्य को पूरा करने हेतु निर्देशित किया गया।
मौके पर जिला समाज कल्याण पदाधिकारी अनीता कुजूर, सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा नियाज अहमद, कार्यपालक अभियंता भवन प्रमंडल चंदन कुमार, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी साधना कुमारी समेत विद्युत विभाग, पेयजल आपूर्ति के पदाधिकारी एवं सभी सीडीपीओ सभी महिला पर्यवेक्षिका समेत अन्य मौजूद थे।