प्रो. उत्पल दत्ता का सेंचुरी लेक्चर, अलास्का के बड़े भूकंपों और सीस्मिक माइक्रोज़ोनेशन पर चर्चा

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प्रो. उत्पल दत्ता का सेंचुरी लेक्चर, अलास्का के बड़े भूकंपों और सीस्मिक माइक्रोज़ोनेशन पर चर्चा

डीजे न्यूज धनबाद:

आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के एप्लाइड जियोफिजिक्स विभाग में गुरुवार को सेंचुरी लेक्चर का आयोजन हुआ। प्रो. उत्पल दत्ता, प्रोफेसर, सिविल इंजीनियरिंग विभाग, यूनिवर्सिटी ऑफ अलास्का एंकोरेज ने “सीस्मिक माइक्रोज़ोनेशन ऑफ एंकोरेज, अलास्का एंड 2018 M7.2 एंकोरेज अर्थक्वेक” विषय पर व्याख्यान दिया।

कार्यक्रम की शुरुआत प्रो. मोहित अग्रवाल ने स्वागत भाषण और अतिथि वक्ता का परिचय देकर की, जबकि प्रो. सौमेन मैती, हेड, एप्लाइड जियोफिजिक्स विभाग ने लेक्चर के अंत में मुख्य अतिथि का सम्मान किया। इस अवसर पर प्रो. प्रसंता कुमार खान, प्रो. संजीत कुमार पाल और प्रो. निप्तिका जना भी मौजूद रहे।

प्रो. दत्ता, जो आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के पूर्व छात्र हैं, ने अपने लेक्चर की शुरुआत सीस्मिक माइक्रोज़ोनेशन से की और एंकोरेज के चार मुख्य भूगर्भीय यूनिट्स — मेटामॉर्फिक टेरेन, ग्लेशियल टिल, ग्लेशियो-फ्लूवियल डिपॉज़िट्स और बूटलेगर कोव फॉर्मेशन — के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने एंकोरेज बाउल के 36 साइट्स पर किए गए वाइब्रोसीस सर्वे की जानकारी भी साझा की।

उन्होंने अलास्का में भूकंपीय गतिविधि के कारणों पर चर्चा की और अलास्का के 10 बड़े भूकंपों का ब्यौरा दिया। उन्होंने खासतौर पर 1964 के ग्रेट अलास्का अर्थक्वेक के प्रभाव और उससे मिली सीख पर विस्तार से प्रकाश डाला। साथ ही 2018 के 7.2 मैग्नीट्यूड एंकोरेज भूकंप में भूगर्भीय स्थितियों के कारण हुए नुकसान के पैटर्न को भी समझाया।

प्रो. दत्ता इन दिनों 5 से 17 अगस्त 2025 तक चल रहे जीआईएएन कोर्स “इंजीनियरिंग सिस्मोलॉजी” में फॉरेन फैकल्टी के रूप में भी जुड़े हुए हैं, जिसमें प्रो. मोहित अग्रवाल नेशनल फैकल्टी हैं। उनका यह व्याख्यान छात्रों और शोधार्थियों के लिए बेहद ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक रहा।

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