
प्रदूषण रोकने के लिए डीसी ने फैक्ट्री और सीसीएल प्रबंधन पर बनाया दबाव
डीजे न्यूज गिरिडीह : समाहरणालय सभागार में उपायुक्त सह अध्यक्ष जिला पर्यावरण समिति की अध्यक्षता में जिला स्तरीय पर्यावरण समिति की बैठक हुई। बैठक में उपायुक्त रामनिवास यादव ने पूर्व की बैठक में दिए गए दिशा-निर्देशों के उचित अनुपालन की विस्तृत समीक्षा की तथा संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। समीक्षा के क्रम में उपायुक्त ने शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर डिस्प्ले बोर्ड लगाने का निर्देश दिया जिससे औद्योगिक क्षेत्र के प्रवेशिय वायु का नियमित आकलन किया जा सके और आमजनों को भी वायु प्रदूषण की स्थिति की जानकारी प्राप्त हो सके। इसके साथ ही उपायुक्त ने सभी औद्योगिक संस्थानों को ESP मशीन इंस्टॉल करने का सख्त निर्देश दिया तथा जिन औद्योगिक संस्थानों में ESP मशीन इंस्टॉल है, उसकी तकनीकी कमियों को दूर करने कहा। ESP मशीन इंस्टॉल होने से विभिन्न कंपनियों से निकलने वाले लाल और काला धुंआ पर रोक लगेगा। इसके अलावा बैठक में उसरी नदी के संरक्षण तथा पर्यावरण समिति के उद्देश्य व कार्यों के संबंध में चर्चा की गई। उपायुक्त ने उसरी नदी के सफाई और संरक्षण हेतु वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए उपलब्ध कराए गए सीएसआर फंड के क्रियान्वयन की जानकारी प्राप्त की तथा संबंधित अधिकारी को आवश्यक निर्देश दिए। उसरी नदी के सफाई एवं संरक्षण/सौंदर्यीकरण को आवश्यक निर्देश दिया गया तथा पौधारोपण के तहत दिए गए लक्ष्यों को पूरा करने का निर्देश दिया गया। उपायुक्त ने कहा कि पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से सीसीएल परियोजना के आस-पास के क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा संख्या में वृक्षारोपण करे। साथ ही औधोगिक परिसर में मानक क्षेत्र में पौधारोपण करने का निर्देश दिया। जिले में हो रही अवैध बालू खनन, डंपिंग एवम स्टोन माइंस एवम क्रशर के संचालन की गहनता से जांच कर उचित कारवाई करने के निर्देश दिए गए। बैठक में उपायुक्त ने संबंधित अधिकारी को जिला अंतर्गत सभी कारखानों में ESP (इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रेसिपिटेटर) मशीन इंस्टॉल करने के संबंध में उचित निर्देश दिए। उपायुक्त ने शहर के गंदे नालों की उचित साफ सफाई, तथा गंदे नालों की पानी को फिल्टर करने के उपरांत ही नदी में प्रवाहित करने के निर्देश दिए। साथ ही समय-समय पर जिला अंतर्गत संचालित कारखानों से निकलने वाले धुवां, अपशिष्ठों का निष्पादन, दूषित जल का बहाव, प्रदूषण नियंत्रण के मानक आदि सहित विभिन्न बिंदुओं की समीक्षा कर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए। अस्पतालों, रेस्तरां/होटल में प्रदूषण नियंत्रण के तय मानकों संबंधी अनुमति प्राप्त करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही इंडस्ट्रीज को वाटर हार्वेस्टिंग और ट्रीटमेंट प्लांट को सुचारू रूप से सक्रिय करने का निर्देश दिया गया। इसके अलावा औद्योगिक प्रतिष्ठानों के द्वारा उत्सर्जित कचड़ों के निस्तारण के संबंध में उपायुक्त ने कहा कि सभी औद्योगिक प्रतिष्ठान यह सुनिश्चित करें कि कचड़ा जहां-तहां डंप न हो। औद्योगिक प्रतिष्ठान इंडस्ट्रीज से निकलने वाले कचड़ों को सही स्थान पर डंप करें, जिससे स्थानीय ग्रामीणों को समस्या न हो। साथ ही औद्योगिक प्रतिष्ठानो से उत्सर्जित वेस्टेज का निस्तारण करें। साथ ही एयर क्वॉलिटी इंडेक्स संबधी डिस्प्ले स्क्रीन लगाने के निर्देश दिए गए। इसके अलावा शहर में संचालित नर्सिंग होम से उत्सर्जित कचड़ों के निस्तारण के संबंध में कहा गया कि सभी सरकारी अस्पतालों को C.T.O लेना जरूरी है। साथ ही नर्सिंग होम से उत्सर्जित कचड़ों का निस्तारण तय समय पर करने का निर्देश दिया गया।
बैठक में पुलिस अधीक्षक, पश्चिमी वन प्रमंडल पदाधिकारी, अपर समाहर्ता, सभी अनुमंडल पदाधिकारी, जिला परिवहन पदाधिकारी, उप नगर आयुक्त, नगर निगम, जिला खनन पदाधिकारी, फैक्टरी इंस्पेक्टर, महाप्रबंधक, सीसीएल, क्षेत्रीय पदाधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण, कारखाना निरीक्षक, कार्यपालक अभियंता, लघु सिंचाई विभाग आदि समेत अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।