
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 31 जुलाई तक कर सकेंगे आवेदन
गिरिडीह में चला जागरूकता रथ, समाहरणालय परिसर से डीसी रामनिवास यादव ने किया शुभारंभ
डीजे न्यूज, गिरिडीह : प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार और किसानों को इसके लाभों की जानकारी देने के उद्देश्य से बुधवार को गिरिडीह समाहरणालय परिसर से जागरूकता रथ को रवाना किया गया। जिला उपायुक्त श्री रामनिवास यादव ने हरी झंडी दिखाकर इस रथ को रवाना किया। यह रथ जिले के सभी प्रखंडों के पंचायत क्षेत्रों में भ्रमण कर कृषक मित्रों एवं किसानों को बीमा योजना की जानकारी देगा और आवेदन के लिए प्रेरित करेगा।
किसानों को मिलेगा आर्थिक सुरक्षा का लाभ
इस मौके पर प्रेस प्रतिनिधियों से बातचीत करते हुए डीसी श्री यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाले फसल नुकसान से आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है। इस योजना के तहत 31 जुलाई 2025 तक किसान आवेदन कर सकते हैं। विशेष बात यह है कि किसान सिर्फ ₹1 टोकन मनी जमा करके योजना का लाभ उठा सकते हैं।
आवेदन की प्रक्रिया और जरूरी दस्तावेज
इच्छुक किसान अपना पंजीकरण नजदीकी प्रज्ञा केंद्र (CSC) में जाकर करा सकते हैं। आवेदन के लिए किसानों को निम्नलिखित दस्तावेज जमा करने होंगे:
आधार कार्ड (स्वप्रमाणित)
बैंक पासबुक की फोटोकॉपी
भूमि स्वामित्व प्रमाणपत्र
नोटरीकृत बटाईदारी प्रमाणपत्र (यदि लागू हो)
फसल बुवाई प्रमाणपत्र (स्वप्रमाणित)
मोबाइल नंबर
अधिक जानकारी के लिए किसान जिला सहकारी कार्यालय, ब्लॉक कार्यालय, या हेल्पलाइन नंबर 14447 पर संपर्क कर सकते हैं।
योजना की प्रमुख विशेषताएं
किसानों के प्रीमियम का हिस्सा राज्य सरकार वहन करेगी।
शेष प्रीमियम राशि भारत सरकार एवं राज्य सरकार साझा रूप से देगी।
कम वर्षा या विपरीत मौसम में फसल बुवाई विफल होने पर बीमा दावा मिलेगा।
फसल कटाई के बाद 14 दिनों तक खेत में पड़ी फसल को यदि चक्रवात या बेमौसम वर्षा से नुकसान हुआ तो उसका भी दावा किया जा सकेगा।
फसल कटाई प्रयोग से प्राप्त उपज आंकड़े यदि थ्रेसहोल्ड से कम हुए तो भी दावा स्वीकार होगा।
बीमा के पात्र कृषक
ऋणी कृषक: इनका बीमा संबंधित ऋण देने वाली संस्था द्वारा स्वतः किया जाएगा।
गैर-ऋणी कृषक: ये किसान बैंक शाखा, कॉपरेटिव सोसाइटी, प्रज्ञा केंद्र, डाकघर, फसल बीमा पोर्टल या ऐप के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक, जिला सहकारिता पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी, जिला गव्य विकास पदाधिकारी, जिला मत्स्य पदाधिकारी, जिला उद्यान पदाधिकारी समेत अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।