

पांचवीं में बोर्ड परीक्षा बच्चों में ड्राप आउट बढ़ायेगा: माकपा
डीजे न्यूज, रांची: जैक द्वारा 5 वीं कक्षा में बोर्ड परीक्षा लिए जाने के प्रस्ताव से शिक्षा के अधिकार कानून का केवल उल्लंघन ही नहीं होगा बल्कि झारखंड जैसे पिछड़े राज्य में बच्चों का स्कूल से पलायन भी बढेगा। इतनी कम उम्र में बच्चों पर बोर्ड परीक्षा थोपने से उन पर मानसिक दबाव बढेगा। उक्त बातें माकपा के राज्य सचिव प्रकाश विप्लव ने कहीं। उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 16 की पूरी तरह अवहेलना है जिसमें स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि किसी भी छात्र को वर्ग आठ तक फेल नहीं किया जा सकता है। इसलिए झारखंड सरकार का यह प्रस्ताव शिक्षा को केवल परीक्षा केंद्रीत बना देगा और ग्रामीण क्षेत्रों में वंचित वर्ग के छात्रों की परेशानी बढाएगा। माकपा बच्चों की परीक्षा लिए जाने की विरोधी नहीं है लेकिन पांचवीं से ही बोर्ड परीक्षा तर्कसंगत नहीं है। परीक्षा समिति द्वारा यह प्रयोग सातवीं कक्षा के लिए पूर्व में भी किया गया था लेकिन उसके परिणाम अच्छे नहीं आए। इसलिए सातवीं की परीक्षा बोर्ड द्वारा लिए जाने का निर्णय वापस लिया गया।
