पालगंज आईआरबी कैम्प निर्माण में अनियमितता पर विवाद

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पालगंज आईआरबी कैम्प निर्माण में अनियमितता पर विवाद

स्थानीय लोगों ने की जांच की मांग 

डीजे न्यूज, पीरटांड़ (गिरिडीह) : पालगंज में बन रहे आईआरबी (भारत आरक्षित पुलिस) कैम्प के निर्माण को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। लगभग 45 एकड़ भूमि पर निर्माणाधीन इस परियोजना के बाउंड्री वॉल निर्माण कार्य के अंतिम चरण में संवेदक और स्थानीय लोगों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है।

संवेदक ने पीरटांड़ थाना में दी गई शिकायत में आरोप लगाया है कि बाउंड्री वॉल के निर्माण के बाद किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा दीवार को गिरा दिया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कार्य में लगातार बाधा पहुँचाई जा रही है और जानबूझकर निर्माण को नुकसान पहुँचाया जा रहा है। वहीं, स्थानीय लोगों ने इस आरोप को सिरे से नकारते हुए कहा कि निर्माण कार्य की गुणवत्ता बेहद घटिया है। दीवार इतनी कमजोर है कि हल्का धक्का देने से गिर जा रही है।

स्थानीय पंचायत समिति सदस्य जोगेंद्र तिवारी ने कहा कि निर्माण कार्य की शुरुआत से ही मनमानी की जा रही है। पिलर की नींव की खुदाई किए बिना ही ढलाई की जा रही है और घटिया सामग्री का उपयोग हो रहा है। छड़, सीमेंट, ईंट सभी लोकल और कम गुणवत्ता वाले हैं। उन्होंने मांग की कि इस पूरे निर्माण कार्य की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए।

 

पूर्व उपमुखिया और ठेकेदार के मुंशी शंकर दास ने दावा किया कि दीवार गिराकर उसमें लगे छड़ों की चोरी की जा रही है। वहीं, काम करा रहे मुंशी प्रदीप कुमार ने कहा कि दिन में काम कराया जाता है और रात में कोई दीवार गिराकर छड़ काटकर ले जाता है। साथ ही उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों को मजदूरी पर रखने का दबाव डाला जा रहा है।

इसके विपरीत एसडीओ आनंद कुमार ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि काम पूरी पारदर्शिता के साथ हो रहा है और जंगरोधक सीमेंट का प्रयोग किया गया है, जो अच्छी गुणवत्ता का है। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोग ही बार-बार परेशानी खड़ी कर रहे हैं और चोरी की घटनाओं में शामिल हैं। आजसू नेता कौलेश्वर दास ने प्रशासन और संवेदकों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सड़क किनारे दिखावे के लिए लीपापोती कर काम किया जा रहा है जबकि अंदरूनी हिस्सों में बेहद घटिया निर्माण हो रहा है। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रोजेक्ट होने के कारण कोई खुलकर शिकायत नहीं कर रहा और इसका फायदा अधिकारी और संवेदक उठा रहे हैं। इस पूरे मामले ने अब तूल पकड़ लिया है और मांग की जा रही है कि निर्माण कार्य की गुणवत्ता की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके और जिम्मेदारों पर कार्रवाई हो।

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