
नशा मानसिक, शारीरिक और आर्थिक पतन का कारण : उपायुक्त रामनिवास यादव
डीजे न्यूज, गिरिडीह : जिला प्रशासन गिरिडीह की ओर से निषिद्ध मादक पदार्थों के विरुद्ध जागरूकता अभियान के तहत समाहरणालय सभागार में कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ उपायुक्त रामनिवास यादव ने दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यशाला में जिले के विभिन्न विभागों के पदाधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
कार्यशाला में उपायुक्त ने कहा कि नशा समाज के लिए एक अभिशाप है, जो व्यक्ति के मानसिक, शारीरिक और आर्थिक पतन का कारण बनता है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा 10 जून से 26 जून तक चलाए जा रहे इस विशेष अभियान को जन-जन तक पहुँचाना जरूरी है।
उपायुक्त ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि देश की सबसे बड़ी ताकत उसकी युवा जनसंख्या है, जिसे नशे के जाल से बचाना समय की मांग है। उन्होंने यह भी कहा कि मादक पदार्थों की लत व्यक्ति और समाज, दोनों के लिए नुकसानदेह है और इससे बचाव के लिए नुक्कड़ नाटक, प्रतियोगिताएं, शपथ कार्यक्रम और जनसंपर्क जैसे माध्यमों से जागरूकता फैलाई जाएगी।
बदलाव की शुरुआत खुद से जरूरी : एसडीओ
कार्यशाला में अनुमंडल पदाधिकारी गिरिडीह ने कहा कि समाज में किसी भी बदलाव की शुरुआत स्वयं के व्यवहार में सुधार से होती है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे खुद नशे से दूर रहें और दूसरों को भी इसके खिलाफ प्रेरित करें।
उन्होंने पेंसिल पोर्टल के जरिए बाल श्रम की सूचना देने की प्रक्रिया की भी जानकारी दी और कहा कि बच्चों को बाल श्रम से मुक्त कर शिक्षा की ओर प्रेरित करना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।
मास्टर ट्रेनरों ने दिया प्रशिक्षण
जिले के मास्टर ट्रेनरों द्वारा प्रतिभागियों को नशा मुक्ति विषय पर विशेष प्रशिक्षण दिया गया। अभियान को प्रभावी बनाने हेतु व्यापक जनभागीदारी की आवश्यकता पर बल दिया गया।
मादक पदार्थों की लत के प्रमुख संकेत
व्यवहार में अचानक बदलाव
पढ़ाई/काम में गिरावट
मानसिक अस्थिरता या चिड़चिड़ापन
परिवार और समाज से दूरी
नशा छोड़ने के उपाय
नशे वाले माहौल से दूरी बनाना
‘ना’ कहना सीखना
योग, ध्यान, खेल आदि अपनाना
विशेषज्ञों की सलाह लेना
“नशा छोड़ो, जीवन जोड़ो” के संकल्प के साथ कार्यशाला का समापन हुआ। सभी उपस्थित लोगों ने मिलकर नशामुक्त समाज की दिशा में कार्य करने की प्रतिबद्धता दोहराई।