
नक्सल प्रभावित जिलों को विशेष सहायता जारी रखे केंद्र : हेमंत सोरेन
राजस्व बंटवारे में राज्यों की हिस्सेदारी 50% करने की मांग रखी
नीति आयोग की 10वीं बैठक में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने रखी झारखंड की आवाज, दिए विकास को लेकर कई महत्वपूर्ण सुझाव
डीजे न्यूज, नई दिल्ली/रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने शनिवार को नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में हिस्सा लिया। इस उच्च स्तरीय बैठक में देश के अन्य मुख्यमंत्रियों, केंद्रीय मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में मुख्यमंत्री ने झारखंड की जमीनी हकीकत, राज्य की आवश्यकताएं और विकास के सुझावों को मजबूती से प्रस्तुत किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि “विकसित भारत की कल्पना तब ही पूरी होगी जब गांव, राज्य और क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करते हुए संतुलित विकास होगा।” उन्होंने विकसित गांव की अवधारणा को केंद्र में रखते हुए सुझाव दिया कि सीबीए एक्ट में संशोधन कर खनन उपरांत भूमि को राज्य सरकार को लौटाने का प्रावधान किया जाए। साथ ही उन्होंने खनन कंपनियों की जवाबदेही तय करने, कैप्टिव प्लांट लगाने की अनिवार्यता, और खनिज संसाधनों के स्थानीय उपयोग की मांग रखी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में 50 लाख महिलाओं को प्रतिमाह ₹2500 की सहायता, सामाजिक सुरक्षा योजनाओं, पेंशन, स्वास्थ्य बीमा और अबुआ स्वास्थ्य योजना जैसी योजनाएं सफलतापूर्वक संचालित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की योजनाओं जैसे मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना आदि की राशि बढ़ाई जानी चाहिए तथा इन योजनाओं को राज्य की आवश्यकताओं के अनुरूप लागू करने की नीति होनी चाहिए।
सीएसआर और डीएमएफटी फंड पर राज्य का नियंत्रण
मुख्यमंत्री ने सीएसआर और डीएमएफटी फंड को राज्य की प्राथमिकताओं में शामिल करने की वकालत करते हुए कहा कि इससे योजनाओं के बेहतर और समावेशी क्रियान्वयन की गारंटी मिलेगी। उन्होंने साहेबगंज को कार्गो हब के रूप में विकसित करने और गंगा नदी पर अतिरिक्त पुल या बांध बनाने की आवश्यकता जताई।
राजस्व बंटवारा और जीएसटी पर चिंता
मुख्यमंत्री ने राजस्व बंटवारे में राज्यों की हिस्सेदारी 50% करने की मांग की। उन्होंने बताया कि GST लागू होने के बाद झारखंड जैसे विनिर्माता राज्यों को भारी राजस्व हानि हुई है, और 2022 के बाद कंपनसेशन की राशि नहीं मिलने से हजारों करोड़ का नुकसान हुआ है। उन्होंने विभाज्य पूल में सभी उपकर और अधिभार को शामिल करने की मांग रखी।
नक्सल प्रभावित जिलों को विशेष सहायता जारी रखने की मांग
मुख्यमंत्री ने बताया कि 2014 में जहां राज्य के 16 जिले नक्सल प्रभावित थे, अब यह संख्या सिर्फ 2 (पश्चिमी सिंहभूम और लातेहार) रह गई है। बावजूद इसके, उन्होंने सभी 16 जिलों में विशेष केंद्रीय सहायता जारी रखने की आवश्यकता जताई।
प्रवासी मजदूरों के लिए केंद्र से की सहायता की अपील
मुख्यमंत्री ने कैमरून में फंसे झारखंड के मजदूरों की सुरक्षित वापसी का जिक्र करते हुए कहा कि विदेश जाने वाले मजदूरों के वीजा, सुरक्षा और खर्च में केंद्र सरकार की भागीदारी जरूरी है।
अंत में मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि केंद्र सरकार राज्य को अपेक्षित सहयोग दे तो Viksit Bharat @2047 के लक्ष्य को झारखंड पूरी तरह से समर्थन और योगदान देगा।
बैठक में मुख्यमंत्री के साथ मुख्य सचिव अलका तिवारी, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, स्थानिक आयुक्त अरवा राजकमल और योजना सचिव मुकेश कुमार उपस्थित थे।