

नौ पीड़ितों को मिला मुआवजा, 17 विचाराधीन बंदियों की रिहाई पर सहमति
गिरिडीह व्यवहार न्यायालय में अंडर ट्रायल रिव्यू कमेटी की बैठक
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश मार्तंड प्रताप मिश्रा बोले-न्याय केवल निर्णय नहीं, संवेदना का दायित्व
उपायुक्त रामनिवास यादव ने कहा-न्याय व्यवस्था और प्रशासनिक समन्वय से ही मिलेगा पीड़ितों को वास्तविक राहत
डीजे न्यूज, गिरिडीह : व्यवहार न्यायालय, गिरिडीह में गुरुवार को पीड़ित प्रतिकर मुआवजा, विचाराधीन कैदियों की समीक्षा (अंडर ट्रायल रिव्यू कमेटी) एवं जिला मंडल कारागार में आधारभूत संरचना के संवर्धन से संबंधित बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश मार्तंड प्रताप मिश्रा ने की।
बैठक में उपायुक्त रामनिवास यादव, पुलिस अधीक्षक डॉ. बिमल कुमार, जिला एवं सत्र न्यायाधीश (अष्टम) रवि शंकर मिश्रा, जिला एवं सत्र न्यायाधीश (षष्ठम) प्रीति कुमारी, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विनोद कुमार, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार सफदर अली नैय्यर, मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. मोहम्मद ज़फरुल्लाह, प्रोबेशन पदाधिकारी नेहा कंचन टोप्पो, पब्लिक प्रॉसिक्यूटर, जेलर धर्मशिला देवी, पुलिस उपाधीक्षक एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। बैठक के दौरान सभी आवश्यक प्रक्रियाओं के उपरांत कुल नौ पीड़ितों को मुआवजे के लिए उपयुक्त पाया गया, जिसमें अंतरिम एवं अंतिम मुआवजा दोनों शामिल हैं। वहीं, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार, नई दिल्ली के दिशा-निर्देश के अनुरूप 17 विचाराधीन बंदियों की पहचान की गई, जिनकी जमानत या रिहाई के लिए अग्रेतर कार्रवाई के आदेश दिए गए। बैठक में जिला मंडल कारागार में आवश्यक आधारभूत संरचना के संवर्धन पर भी चर्चा हुई। इस दौरान कारा परिसर में मूलभूत सुविधाओं के विस्तार, स्वास्थ्य सेवाओं की सुदृढ़ता और कैदियों के पुनर्वास से जुड़े मुद्दों पर विचार किया गया। साथ ही आवश्यक कार्यों के लिए आवंटन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के आदेश भी दिए गए।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री मार्तंड प्रताप मिश्रा ने कहा कि न्याय केवल निर्णय का विषय नहीं है, बल्कि यह संवेदना और सामाजिक उत्तरदायित्व का प्रतीक भी है। पीड़ितों को त्वरित मुआवजा और विचाराधीन कैदियों के मामलों की समीक्षा न्यायिक प्रणाली की मानवीयता को सशक्त बनाती है। उपायुक्त रामनिवास यादव ने कहा कि न्यायपालिका और प्रशासन के समन्वित प्रयासों से ही समाज के कमजोर वर्गों तक न्याय की वास्तविक पहुंच संभव है। जिला प्रशासन पीड़ितों को शीघ्र राहत और पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए पूर्ण सहयोग करेगा। बैठक का संचालन सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह सफदर अली नैय्यर ने किया। बैठक के अंत में सभी प्रतिभागियों ने न्यायिक एवं प्रशासनिक तंत्र के बीच निरंतर सहयोग से जनहित कार्यों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।
