
नाइजर में अपहृत मजदूरों के परिजनों ने कल्पतरु ट्रांसमिशन कंपनी पर दर्ज कराया मुकदमा, रिहाई की मांग तेज
सिर्फ विदेश मंत्रालय के भरोसे नहीं रहा जा सकता बल्कि झारखंड सरकार को भी मजदूरों की रिहाई के लिए अपनी भूमिका मजबूत करनी होगी : विनोद सिंह
डीजे न्यूज, बगोदर(गिरिडीह) : पश्चिमी अफ्रीकी देश नाइजर में कल्पतरु ट्रांसमिशन कंपनी के अधीन काम कर रहे गिरिडीह जिले के बगोदर प्रखंड अंतर्गत मुंडरो और दोदलों गांव के पांच प्रवासी मजदूरों के अपहरण को 75 दिन बीत चुके हैं। मजदूरों की रिहाई को लेकर अब तक कोई ठोस प्रयास नहीं किए जाने से नाराज़ परिजनों ने सोमवार को बगोदर थाना में कंपनी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई।
अपहृत मजदूरों में मुंडरो के उत्तम महतो और दोदलों के फुलजीत महतो, चंद्रिका महतो, संजय महतो एवं राजू महतो शामिल हैं। परिजनों ने आरोप लगाया कि न तो कंपनी की ओर से और न ही सरकार की ओर से अब तक कोई आधिकारिक सूचना दी गई है।
नाइजर में प्रतिनिधिमंडल भेजने की मांग भी अब तक अनसुनी रही है, जिससे परिजनों की चिंता लगातार बढ़ रही है। थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने के दौरान मौजूद बगोदर के पूर्व विधायक विनोद कुमार सिंह ने कहा कि मजदूरों की रिहाई को लेकर भारत सरकार गंभीरता नहीं दिखा रही है। उन्होंने बताया कि आंदोलनों और जनदबाव के कारण अपहृत मजदूरों के परिवारों को सिर्फ खोराकी के रूप में ₹17,000 की सहायता दी गई है, जबकि नियमित वेतन नहीं भेजा जा रहा है। पूर्व विधायक ने आरोप लगाया कि कल्पतरु ट्रांसमिशन कंपनी ने मजदूरों को नाइजर ले जाने से पहले झारखंड प्रवासी श्रमिक निदेशालय को कोई कानूनी सूचना नहीं दी और न ही मजदूरों का पंजीकरण कराया। नाइजर की अस्थिर परिस्थितियों को देखते हुए कंपनी को मजदूरों और उनके परिजनों को पूरी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए थी, जो नहीं किया गया।
विनोद सिंह ने कहा कि सिर्फ विदेश मंत्रालय के भरोसे नहीं रहा जा सकता, बल्कि झारखंड सरकार को भी मजदूरों की रिहाई के लिए अपनी भूमिका मजबूत करनी होगी और हरसंभव प्रयास तेज करना होगा।
इस अवसर पर परमेश्वर महतो, पवन महतो, सरिता महतो, संदीप जायसवाल, राजेश मंडल सहित अन्य स्थानीय लोग भी परिजनों के साथ मौजूद थे।