मतदान के रुझानों की अब मिलेगी त्वरित जानकारी 

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मतदान के रुझानों की अब मिलेगी त्वरित जानकारी 

चुनाव आयोग करेगा वोटर टर्नआउट शेयरिंग प्रक्रिया में तकनीकी सुधार, ECINET ऐप के जरिए मिलेगा रियल-टाइम अपडेट

डीजे न्यूज, नई दिल्ली : भारत का चुनाव आयोग (ECI) अब अनुमानित मतदाता टर्नआउट प्रतिशत की जानकारी समय पर देने के लिए एक नई, तकनीक-संचालित प्रक्रिया शुरू कर रहा है। इस पहल के तहत मैन्युअल रिपोर्टिंग पद्धति से होने वाली देरी को कम किया जाएगा और जनता को मतदान के रुझानों की त्वरित जानकारी मिल सकेगी। यह कदम पारदर्शिता और समयबद्ध संचार सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम प्रयास है, जिस पर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेंद्र कुमार लगातार जोर देते रहे हैं।

नए बदलाव और मौजूदा नियमों में सामंजस्य

चुनाव संचालन नियम, 1961 के नियम 49S के अनुसार, मतदान समाप्ति के बाद पीठासीन अधिकारियों (PROs) द्वारा फॉर्म 17C (रिकॉर्ड किए गए वोटों का विवरण) पोलिंग एजेंटों को उपलब्ध कराना अनिवार्य है। यह कानूनी व्यवस्था यथावत बनी रहेगी। लेकिन अनुमानित मतदान रुझानों की सार्वजनिक जानकारी देने के लिए प्रयुक्त VTR ऐप अब एक नई प्रणाली – ECINET ऐप – से जोड़ा जा रहा है, जो अधिक सटीक और समय पर जानकारी उपलब्ध कराएगा।

ECINET ऐप से दो-घंटे पर अपडेट

नई प्रक्रिया के तहत, मतदान के दिन प्रत्येक PRO हर दो घंटे पर ECINET ऐप के माध्यम से अपने मतदान केंद्र का मतदाता टर्नआउट डेटा सीधे दर्ज करेगा। यह जानकारी तुरंत निर्वाचन क्षेत्र स्तर पर एकत्रित (एग्रीगेट) होगी और उसी अनुसार VTR ऐप पर रुझान अपडेट किए जाएंगे। मतदान समाप्त होने के बाद PRO मतदान केंद्र से रवाना होने से पहले ECINET ऐप में अंतिम डेटा प्रविष्ट करेगा, जिससे देरी कम होगी।

जहां नेटवर्क कनेक्टिविटी नहीं होगी, वहां डेटा ऑफलाइन सेव किया जाएगा और कनेक्शन उपलब्ध होते ही सिंक्रनाइज़ कर दिया जाएगा। यह नई प्रणाली आगामी बिहार विधानसभा चुनावों से पहले लागू कर दी जाएगी।

पुरानी व्यवस्था से आगे की ओर

अब तक यह डेटा सेक्टर अधिकारियों द्वारा मैन्युअल रूप से एकत्र किया जाता था और फोन, SMS या मैसेजिंग ऐप के माध्यम से रिटर्निंग अधिकारियों (ROs) तक पहुँचाया जाता था। इसके बाद रुझानों को VTR ऐप पर अपलोड किया जाता था, जिसमें कई बार 4–5 घंटे या उससे अधिक का समय लग जाता था, जिससे भ्रम और गलत धारणाएं उत्पन्न होती थीं।

ECINET ऐप के जरिये चुनाव आयोग का यह प्रयास न केवल पारदर्शिता को बढ़ाएगा, बल्कि मतदान प्रतिशत के रुझानों की सटीक और शीघ्र जानकारी देकर जनविश्वास को और मजबूत करेगा। आयोग का यह आधुनिक कदम भारतीय चुनाव प्रक्रिया को और अधिक भरोसेमंद और डिजिटल रूप से सक्षम बनाएगा।

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