मूसलाधार बारिश से टूटा नदी का बांध, एक सौ एकड़ जमीन बर्बाद  ग्रामीणों ने नदी के किनारे जाकर अतिक्रमणकारियों के खिलाफ जमकर हल्ला बोला और तिसरी के अंचल अधिकारी से जांच कर नदी की जमीन को अतिक्रमणकारियों  से मुक्त कराने की मांग की

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मूसलाधार बारिश से टूटा नदी का बांध, एक सौ एकड़ जमीन बर्बाद

ग्रामीणों ने नदी के किनारे जाकर अतिक्रमणकारियों के खिलाफ जमकर हल्ला बोला और तिसरी के अंचल अधिकारी से जांच कर नदी की जमीन को अतिक्रमणकारियों  से मुक्त कराने की मांग की

डीजे न्यूज, तिसरी, गिरिडीह : लगातार हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से तिसरी प्रखंड के ककनी गांव की नदी का बांध टूट गया है जिससे पानी के तेज प्रवाह ने रास्ता बदल लिया है और फसल लगी रैयती जमीन की ओर नदी के पानी का प्रवाह होने लगा है। जिसके कारण ककनी गांव के किसानों का लगभग एक सौ एकड़ जमीन और इसमे लगी फसल बर्बाद हो गई है। वहीं नदी के पानी की गति व धारा से रैयती जमीन कट कर बर्बाद हो गई है जिससे गांव में तबाही मच गई है। फसल बर्बाद होने और गांव के किसानों की सैकड़ों एकड़ रैयती जमीन में नदी का जल प्रवाह होने से गांव के किसान काफी चिंतित हैं। यहां के किसानों ने आरोप लगाया है कि गांव के तथाकथित लोगों ने नदी की जमीन का जबरन अतिक्रमण कर लिया है। यही नहीं नदी के गार्डवाल के अंदर वाली जमीन को भी कुछ लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है। जिसके कारण नदी ने अपना रास्ता व रुख बदल लिया है और नदी का पानी का प्रवाह रैयती जमीन की ओर होने लगा है। जिसके कारण कई किसानों की सैकड़ों एकड़ रैयती जमीन और इसमे लगी फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। इस बाबत ककनी गांव के दर्जनों महिला-पुरुष नदी के किनारे जाकर अतिक्रमणकारियों के खिलाफ जमकर हल्ला बोला और तिसरी के अंचल अधिकारी से जांच कर नदी की जमीन को अतिक्रमणकारियों के चंगुल से मुक्त कराने की मांग की है। ताकि नदी के पानी का प्रवाह पूर्व की तरह हो और रैयती जमीन बर्बाद होने से बच सके। बता दें  कि ककनी गांव दोनों ओर से नदियों से घिरा हुआ है। दोनों नदियों का बांध टूट गया है और दोनों नदियों का जलप्रवाह एक ही तरफ होने लगा है। जिसके कारण इस गांव के दर्जनों किसानों की कई एकड़ जमीन नदी के पानी की धारा से कटकर बर्बाद हो रही है। जबकि उक्त जमीन में लगी फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है जिससे गांव में तबाही मच गई है। सिंघो पंचायत के पूर्व मुखिया पति सुरेश यादव,अनिल यादव,राजेश यादव आदि लोगों ने कहा कि गांव के ही कई लोगों ने नदी की जमीन को अतिक्रमण कर लिया है। जिसके कारण नदी ने अपना रास्ता बदल लिया है जिसके कारण नदी के जलप्रवाह से किसानों के सैकड़ों एकड़ जमीन पानी के साथ काटकर बह गया है बर्बाद हो गया है। जिसके कारण यहां के दर्जनों किसानों को भारी नुकसान हुआ है। उक्त लोगों ने अंचल अधिकारी से नदी की जमीन को अतिक्रमणमुक्त कराने की मांग की है। वहीं क्षेत्र की सांसद और यहां के विधायक से नदी के किनारे गार्डवाल निर्माण कराने की मांग की है।

 

 

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