



महिलाओं की भागीदारी ने बढ़ाई कार्यक्रम की गरिमा

डीजे न्यूज, धनबाद: आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के एग्जीक्यूटिव डेवलपमेंट सेंटर में आयोजित पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों और कर्मियों के लिए पाँच दिवसीय नेतृत्व एवं प्रबंधन विकास कार्यक्रम का समापन शुक्रवार को हुआ। यह कार्यक्रम प्रोफेसर रजनी सिंह, डीन, कॉरपोरेट कम्युनिकेशंस के नेतृत्व मे आयोजित किया गया।
झारखंड सरकार के पंचायती राज विभाग तथा भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय की योजना के तहत आयोजित हुआ। कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न जिलों से आए 25 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें अधिकांश महिलाएँ थीं। उनकी उत्साही भागीदारी ने कार्यक्रम को और अधिक प्रभावशाली बना दिया।
कार्यक्रम की मुख्य समन्वयक प्रो. रजनी सिंह ने प्रशिक्षण के दौरान कई महत्वपूर्ण सत्र लिए। अंतिम दिन उन्होंने स्व-स्रोत राजस्व और जेंडर मैनेजमेंट पर उपयोगी और व्यावहारिक जानकारी दी। इससे पहले उन्होंने डिजिटल टूल्स के उपयोग, मॉडल विलेज प्रमोशन तथा अपने ग्राम पंचायत को प्रभावी तरीके से प्रस्तुत करने जैसे विषयों पर सत्र लिए।
प्रतिभागियों ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि यह प्रशिक्षण उनके लिए बेहद उपयोगी साबित हुआ।
सरिया प्रखंड, गिरिडीह की उप-प्रमुख रिंकी कुमारी ने कहा कि इन पाँच दिनों ने मेरे नेतृत्व की समझ को पूरी तरह बदल दिया। प्रो. रजनी सिंह और उनकी टीम ने प्रशिक्षण को बहुत सोच-समझकर तैयार किया था। उनके उत्साह और मार्गदर्शन ने हमें लगातार प्रेरित किया।
बिरनी प्रखंड, गिरिडीह की प्रमुख रानी सोरेन ने कहा कि यह कार्यक्रम मेरे सार्वजनिक जीवन की एक यादगार उपलब्धि रहेगा। सत्रों ने हमें गाँव के विकास को नए नजरिये से समझने में मदद की। प्रो. रजनी सिंह का प्रोत्साहन हमारे लिए बहुत प्रेरणादायक रहा।
प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों ने संस्थान के लॉन्ग वॉल गैलरी का भी भ्रमण किया और आधुनिक खनन तकनीकों के बारे में जाना।
कार्यक्रम में प्रो. नीलाद्रि दास और प्रो. रश्मि सिंह ने सह-समन्वयक के रूप में वित्तीय प्रबंधन, संसाधन जुटाना, परियोजना योजना, समय मूल्य की समझ और डिजिटल परिवर्तन जैसे विषयों पर उपयोगी प्रशिक्षण दिया। प्रो. जी.एस. पाठक ने ग्राम प्रबंधन और डायलॉग फ्रॉम द फील्ड पर दो महत्वपूर्ण सत्र लिए।
आईआईटी (आईएसएम) धनबाद द्वारा इस श्रृंखला के अगले दो प्रशिक्षण कार्यक्रम 17–21 नवंबर और 24–28 नवंबर को आयोजित किए जाएंगे।
प्रो. रजनी सिंह की दूरदर्शिता और उत्कृष्ट समन्वय इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी ताकत रही, जिसने झारखंड में पंचायती राज संस्थाओं के नेतृत्व को और अधिक मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम रखा।
