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महादेवी’ हथिनी को वापस लाने के लिए देशभर के दिगम्बर जैन संगठन एकजुट

नांदणी मठ से ‘महादेवी’ के स्थानांतरण पर जैन समाज में आक्रोश, राष्ट्रपति से त्वरित हस्तक्षेप की गुहार

डीजे न्यूज, गिरिडीह : महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले के शिरोळ तालुका अंतर्गत नांदणी मठ में पिछले लगभग तीन दशकों से सेवा में रही मादा हाथी महादेवी (उर्फ माधुरी) को लेकर विवाद गहराता जा रहा है।

अखिल भारतीय दिगम्बर जैन संस्थाएं समन्वय समिति ने बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को पत्र लिखकर इस विषय में त्वरित हस्तक्षेप की मांग की है। जैन समाज का कहना है कि महादेवी केवल एक धार्मिक प्रतीक नहीं, बल्कि सर्वधर्म सम्मान, सांस्कृतिक विरासत और जनभावनाओं से गहराई से जुड़ी हुई है। यह जानकारी भारत वर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र कमेटी मधुबन के वरिष्ठ प्रबंधक एवं जैन समाज मधुबन के पूर्व अध्यक्ष सत्येंद्र जैन एवं सुमन सिन्हा ने संयुक्त रूप से देवभूमि झारखंड न्यूज को दी है।

न्यायालयीन निर्णय और विरोध

26 जुलाई को मुंबई उच्च न्यायालय ने महादेवी हाथी को गुजरात के जामनगर स्थित ‘वनवतार’ पशु कल्याण केंद्र भेजने का आदेश दिया था। नांदणी मठ ने इस आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की, लेकिन 28 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट का आदेश बरकरार रखा। इसके बाद 29 जुलाई को महादेवी को जामनगर भेज दिया गया।

इस निर्णय के बाद नांदणी मठ, गणेशवाड़ी, शिरोळ तालुका और आसपास के 52 गांवों सहित कोल्हापुर, सांगली, सातारा और सोलापुर जिलों में गहरा असंतोष है।

जनभावनाएं और लोकशांति की चिंता

समिति के अनुसार, महादेवी के प्रति श्रद्धा केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक स्तर पर भी गहरी है।

इसके स्थानांतरण से गांववासियों की भावनाएं आहत हुई हैं और कुछ स्थानों पर विरोध और आंदोलन की स्थितियां बन गई हैं। समिति ने इसे लोकशांति के दृष्टिकोण से संवेदनशील मामला बताते हुए सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है।

समिति की मांगें

भारत सरकार स्तर से तत्काल हस्तक्षेप।

जैन भावनाओं को ध्यान में रखते हुए संशोधित न्यायालयीन आदेश पर पुनर्विचार के लिए आवश्यक कानूनी और प्रशासनिक पहल।

महादेवी हाथी को पुनः नांदणी मठ में स्थानांतरित करने की व्यवस्था।

पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले प्रमुख पदाधिकारी

पत्र पर भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जम्बू प्रसाद जैन, राष्ट्रीय महामंत्री संतोष जैन पेंढारी,

गजराज जैन गंगवाल (अध्यक्ष, श्री भारतवर्षीय दिगम्बर जैन महासभा), प्रकाशानंद जैन बड़जात्या (महामंत्री), भावनाताई जैन पाटील (अध्यक्ष, दक्षिण भारत जैन सभा), डॉ. चंद्रकांत म्हात्रे (उपाध्यक्ष),संदीप जैन भोपाली, प्रकाश जैन (अध्यक्ष, अखिल भारतीय दिगम्बर जैन परिषद), अनिल भारसाखी जैन (महामंत्री), डॉ. अशोक बंदनावरे जैन (अध्यक्ष, जैन महासमिति) और सुरेंद्र कुमार जैन पांडेय (महामंत्री) समेत कई शीर्ष पदाधिकारियों के हस्ताक्षर हैं।

पत्र में स्वामी श्री विद्यानंद जी महाराज (अध्यक्ष, अखिल भारतीय दिगम्बर जैन आचार्य परिषद) और ए. एन. जैन चंडीगढ़ (अध्यक्ष, अखिल भारतीय दिगम्बर जैन सीनियर एडवोकेट एसोसिएशन) का भी उल्लेख है।

जैन समाज को उम्मीद है कि राष्ट्रपति के हस्तक्षेप से यह विवाद सुलझेगा और महादेवी पुनः अपने मूल स्थान नांदणी मठ में लौट सकेगी।

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