
मंईयां सम्मान योजना की राशि से कोई मां बच्चों की स्कूल फीस जमा कर रही तो कोई सब्जी की खेती
वित्तीय साक्षरता कार्यशाला में लाभार्थी महिलाएं ने साझा किए अपने अनुभव, अधिकारियों ने दिए निवेश के सुझाव
डीजे न्यूज, पीरटांड़, गिरिडीह : पीरटांड़ प्रखंड सभागार में मंगलवार को मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के लाभार्थियों के लिए वित्तीय साक्षरता कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य महिलाओं को वित्तीय जागरूकता प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना था।
कार्यशाला का उद्घाटन प्रखंड विकास पदाधिकारी मनोज मरांडी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक जेवियर एक्का, अग्रणी जिला प्रबंधक अमृत कुमार, प्रभारी प्रखंड कृषि पदाधिकारी छोटन मुर्मू, डीएमएफआई सत्येंद्र कुमार और बीपीएम रवि कुमार ने संयुक्त रूप से किया। मंच संचालन बीपीएम रवि कुमार ने किया।
आर्थिक सशक्तिकरण पर जोर
कार्यशाला में प्रखंड विकास पदाधिकारी मनोज मरांडी ने योजना की प्रमुख विशेषताओं को बताया और इसके प्रचार-प्रसार पर बल दिया। अग्रणी जिला प्रबंधक अमृत कुमार ने महिलाओं को योजना से प्राप्त राशि का सही उपयोग करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि महिलाएं इस राशि का उपयोग छोटे व्यवसायों जैसे मुर्गी पालन, बकरी पालन और कृषि में कर सकती हैं।
कृषि और बैंकिंग योजनाओं से जोड़ने की पहल
प्रभारी प्रखंड कृषि पदाधिकारी छोटन मुर्मू ने योजना को किसान क्रेडिट कार्ड से जोड़ने की जरूरत बताई, ताकि महिलाएं कृषि में निवेश कर अधिक लाभ कमा सकें।
डीएमएफआई सत्येंद्र कुमार ने महिलाओं से झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (JSLPS) के अंतर्गत सखी मंडल से जुड़ने का आग्रह किया, जबकि सीएफएल इंचार्ज ने प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा और जीवन ज्योति बीमा योजना से जुड़ने की सलाह दी।
महिलाओं ने साझा किए अनुभव
लाभार्थी सुनीता देवी ने बताया कि उन्होंने योजना से मिली राशि से अपने बच्चों की स्कूल फीस जमा की, जिससे उनकी शिक्षा में कोई बाधा नहीं आई। वहीं, चंद्रिका देवी ने बताया कि वह इस राशि से सब्जी की खेती कर रही हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
बड़ी संख्या में महिलाओं की भागीदारी
कार्यशाला में जेएसएलपीएस कर्मी विनोद ठाकुर, सोनी कुमारी, हसनैन अंसारी, मृत्युंजय कुमार, पंकज कुमार, महेंद्र कुमार, बीपीओ हेमंत टोपनो, अविनाश कुमार और मनोज कुमार सहित बड़ी संख्या में महिला समूह की सदस्य उपस्थित रहीं।
कार्यशाला के माध्यम से महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया।