

लोदना में जर्जर आवास ढहने से मामा-भांजी समेत तीन की मौत
बारिश के बीच खाली मकानों में शरण ले रहे थे लोग, तभी हो गया हादसा
बीसीसीएल प्रबंधन की लापरवाही उजागर, लोगों में आक्रोश
दीपक पांडेय, तिसरा (धनबाद) : लोदना ओपी क्षेत्र के लोदना आठ नंबर में बुधवार को तेज बारिश के दौरान बीसीसीएल के एक खाली और जर्जर आवास के अचानक ढह जाने से बड़ा हादसा हो गया। हादसे में करीब आधा दर्जन लोग मलबे में दब गए। स्थानीय लोगों और पुलिस-प्रशासन की मदद से बचाव कार्य शुरू किया गया और सभी को बाहर निकाला गया। गंभीर रूप से जख्मी मामा-भांजी समेत तीन लोगों को तत्काल झरिया के एक निजी अस्पताल ले जाया गया। गंभीर हालत देख वहां से तीनों को एसएनएमएमसीएच भेज दिया गया। इस दौरान रास्ते में ही तीनों ने दम तोड़ दिया।।
मृतकों की पहचान लोदना चार नंबर निवासी करमू पासवान का 10 वर्षीय बेटा चिराग पासवान, लोदना आठ नंबर निवासी गोपाल मिस्री और उनकी 10 वर्षीय भांजी सुषमा कुमारी के रूप में हुई है।
खाली मकानों में ले रहे थे शरण, तभी ढह गया जर्जर आवास
जानकारी के अनुसार, सुशी परियोजना के विस्तार और सड़क निर्माण के लिए बीसीसीएल प्रबंधन ने कई परिवारों को कुसुम बिहार और करमाटांड़ में स्थानांतरित कर दिया था। लेकिन पुराने और जर्जर मकानों को तोड़ा नहीं गया। बुधवार को बारिश के दौरान कुछ लोग और बच्चे इन्हीं खाली मकानों में शरण लेने पहुंचे थे। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि उसी समय कुछ लोग ट्रैक्टर से इन मकानों से ईंटें निकाल रहे थे, तभी अचानक आवास भरभराकर गिर पड़ा और लोग मलबे में दब गए।
स्थानीय लोगों ने उठाए सवाल, कार्रवाई की मांग
घटना की सूचना मिलते ही लोदना ओपी पुलिस, सीआईएसएफ की टीम और एम्बुलेंस मौके पर पहुंची। जेसीबी लगाकर मलबा हटाया गया और घायलों को अस्पताल भेजा गया। इस हादसे ने बीसीसीएल प्रबंधन की लापरवाही को कटघरे में खड़ा कर दिया है। स्थानीय लोगों ने कहा कि अगर जर्जर मकानों को समय रहते गिरा दिया जाता तो यह हादसा नहीं होता। ग्रामीणों ने मांग की कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए प्रबंधन जल्द से जल्द ठोस कदम उठाए और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाए।
पीड़ित परिवारों की हर संभव करेंगे मदद : रागिनी सिंह
झरिया विधायक रागिनी सिंह ने इस घटना पर गहरा दुख प्रगट करते हुए कहा है कि दुख की इस घड़ी में वह मृतकों के परिजनों के साथ खड़ी हैं। वह पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद करेंगी। घायलों की जहां भी इलाज की जरूरत होगी, इलाज कराया जाएगा। रागिनी सिंह ने एसएनएमएमसीएच जाकर वहां भर्ती घायलों की सुध ली।
