

कोल टेस्टिंग नीति का जीटा ने किया विरोध,
जीटा ने सीआईएल चेयरमैन को लिखा पत्र
डीजे न्यूज, धनबाद: कोल इंडिया लिमिटेड में पहली अक्टूबर से लागू नए ई नीलामी नियमों से खरीदे गए कोयले की कोल टेस्टिंग पर अपनाई गई नीति का झारखंड इंडस्ट्रीज़ एंड ट्रेड एसोसिएशन ने विरोध किया है। इस बाबत एसोसिएशन के अध्यक्ष अमितेश साहय एवं महासचिव राजीव शर्मा ने संयुक्त रूप से कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के चेयरमैन एवं निदेशक (मार्केटिंग) को पत्र भेजा है। पत्र में कहा है कि तृतीय-पक्ष नमूनाकरण, ग्रेड समायोजन के बाद अतिरिक्त भुगतान, बैंक गारंटी (बीजी/ई-बीजी) और इंडेम्निटी बॉन्ड की अनिवार्यता जैसे प्रावधान एमएसएमई कोयला व्यापारियों और कोक निर्माताओं के लिए असहनीय बोझ बन गए हैं।
एसोसिएशन ने चेतावनी दी कि उठाए गए कोयले का ग्रेड 7–10 दिन बाद बदलने से व्यापारी अपने ग्राहकों से मूल्य अंतर वसूल नहीं सकते, जिससे प्रति लॉट ₹800 से ₹2,000 तक का नुकसान होगा। इससे लघु उद्योग एवं छोटे व्यापारियों का वित्तीय दबाव बढ़ेगा और भागीदारी घटेगी। इससे व्यापार करना दूभर हो जाएगा।
मुख्य मांगें
उठाए जाने के बाद तृतीय-पक्ष नमूनाकरण तुरंत वापस लिया जाए।
नीलामी से पहले ही कोयले का ग्रेड घोषित किया जाए।
ईएमडी कटौती रोकी जाए और अतिरिक्त बीजी/बॉन्ड की आवश्यकता समाप्त की जाए।
स्पॉट नीलामियां तत्काल निलंबित की जाएं जब तक नीति में समीक्षा न हो जाए।
एसोसिएशन ने सुझाव दिया कि यदि नमूनाकरण जारी रखा जाए, तो केवल ग्रेड घटाया जाए, बढ़ाया नहीं, ताकि व्यापारियों पर अनावश्यक बोझ न पड़े।
सीआईएल से तत्काल नियमों की समीक्षा और वापसी की अपील की है। इस संदर्भ में कोल इंडिया लिमिटेड तत्काल इस नए नियम को वापस करे अन्यथा भारत कोंकिंग कोल लिमिटेड से भी सेंट्रल कोलफील्ड लिमिटेड की तर्ज पर msme एवं व्यवसायियों द्वारा कोयला उठाव बंद कर दिया जाएगा।
