केंदुआडीह में गैस रिसाव अलर्ट : बीसीसीएल और जिला प्रशासन एक्शन मोड में, पीबी एरिया के जीएम सस्पेंड

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केंदुआडीह में गैस रिसाव अलर्ट : बीसीसीएल और जिला प्रशासन एक्शन मोड में, पीबी एरिया के जीएम सस्पेंड
डीजे न्यूज, धनबाद :  केंदुआडीह कोलियरी के राजपूत बस्ती में जहरीली गैस (सीओ) उत्सर्जन के बाद हालात गंभीर होने पर बीसीसीएल प्रबंधन और जिला प्रशासन चौकन्ना हो गया है। लापरवाही बरतने के आरोप में पीबी एरिया के जीएम जीसी साहा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। उनकी जगह मुख्यालय के जीएम जेके मेहता को पीबी एरिया का नया प्रभारी बनाया गया। बीसीसीएल में इस तरह पहली बार किसी जीएम स्तर के अधिकारी पर गाज गिरी है, जो घटना की गंभीरता दर्शाती है।
प्रभावित इलाकों का सीएमडी, डीसी और एसएसपी ने किया विस्तृत दौरा
बीसीसीएल सीएमडी मनोज अग्रवाल, उपायुक्त आदित्य रंजन और एसएसपी प्रभात कुमार ने शुक्रवार को प्रभावित बस्ती का स्थलीय निरीक्षण किया और राहत एवं सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। सीएमडी ने अस्थायी शिविरों में ठहराए गए परिवारों से मुलाकात कर भरोसा दिया कि सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और राहत कार्य में किसी भी प्रकार की देरी स्वीकार्य नहीं है।
पीड़ित परिवार अस्थायी राहत शिविरों में शिफ्ट, दिन-रात मॉनिटरिंग
बेलगड़िया और करमाटांड़ में प्रभावित परिवारों को अस्थायी राहत कैंप में रखा जा रहा है। शेल्टरों में हीटिंग सिस्टम, बिस्तर, कंबल और सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। बीसीसीएल की विशेष टीमें मेडिकल, रेस्क्यू और तकनीकी सहायता के लिए 24 घंटे तैनात हैं।
मेडिकल केयर, साइकोलॉजिकल सपोर्ट और फैमिली काउंसलिंग के लिए विशेष टास्क फोर्स भी गठित की गई है।
केंदुआडीह थाना भी शिफ्ट होगा
गैस रिसाव स्थल के बेहद निकट होने के कारण पुलिस कर्मियों की सुरक्षा खतरे में है। एसएसपी प्रभात कुमार ने स्पष्ट किया कि थाना को जल्द सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित किया जाएगा। स्थान पहचान की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और जल्द नये स्थल से थाना का संचालन शुरू किया जाएगा।
स्वास्थ्य सेवाएं अपग्रेड, अस्पतालों में विशेष निगरानी
केंदुआडीह सीएचसी को 24 घंटे चलाने और ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड शुरू करने की तैयारी है।
वर्तमान स्थिति—
▪ 1 मरीज सेंट्रल अस्पताल में भर्ती
▪ 10 मरीज कुस्तौर रीजनल हॉस्पिटल में इलाजरत
▪ रेस्क्यू वैन, एंबुलेंस और पैरामेडिकल टीम मौके पर तैनात
स्थायी समाधान पर वैज्ञानिक अध्ययन शुरू
फिलहाल विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है कि तत्काल इंजीनियरिंग समाधान संभव नहीं है। सुरक्षित विकल्प के रूप में प्रभावित परिवारों को अस्थायी विस्थापन ही सबसे बेहतर कदम बताया गया है। स्थायी समाधान के लिए IIT-ISM, CMPDI और अन्य एजेंसियां वैज्ञानिक अध्ययन शुरू कर चुकी हैं।

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