



केंदुआडीह गैस रिसाव:भाजपा सरकार के नीतिगत फैसलों से बीसीसीएल को पहुंचा नुकसान

कोयला मंत्री करें प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण: एके झा
डीजे न्यूज, धनबाद: राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर यूनियन के महामंत्री एके झा, कार्यकारी अध्यक्ष बृजेंद्र प्रसाद सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष सह पूर्व मंत्री मन्नान मलिक ने संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति जारी कर केंदुआडीह गैस रिसाव की घटना पर गंभीर चिंता और दु:ख प्रकट किया है । उन्होंने कहा कि 1984-85 के दशक में केंदुआडीह खान दुर्घटना में 6 मजदूरों की मौत हो गई थी। उस समय संपूर्ण भारत कोकिंग कोल लिमिटेड में अंडरग्राउंड माइन्स ही कार्यरत था। खान सुरक्षा महानिदेशालय एक मजबूत संस्था के रूप में लोगों के जान – माल की रक्षा के लिए एवं वैज्ञानिक ढंग से कोयला निकालने पर प्रशासनिक एवं कानूनी दबाव मजबूती से बनाए रखता था।
इस गैस रिसाव की घटना में सौकी यादव की स्मृति स्तंभ से लेकर गोधर मैदान तक अगल-बगल निवास करने वाले लोगों के जान माल पर गंभीर खतरा उत्पन्न कर दिया है। इस घटना ने न केवल धनबाद और पूरे झारखंड को बल्कि पूरे देश को मानसिक पीड़ा दी है।
घटना की खबर मिलते ही राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर यूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष अनुपमा सिंह ने तत्काल प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया था। हर एक परिवार से मिलने का काम किया। पूरी घटना पर बी सी सी एल प्रबंधन से बात किया। राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर यूनियन के प्रतिनिधिमंडल के साथ राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर प्रभावित लोगों की समस्या पर विस्तार से बात की और उनसे आग्रह किया कि राज्य सरकार के उच्च पदाधिकारी की टीम भेज कर घटनास्थल का मुआयना कराया जाए। जहरीली गैस रिसाव के कारण मृत दो महिला कामगार के परिवार के आश्रित को आउटसोर्सिंग में नियोजन दिलाया जाए। कोयला मंत्री,भारत सरकार को पूरी घटना की जानकारी देकर मृतक परिवार को एक- एक करोड़ रूपया अनुग्रह राशि के रूप में भुगतान कराया जाए।
एके झा ने कहा पिछले 11 वर्षों में भाजपा सरकार की नीतिगत फैसले के कारण झारखंड की लाइफ लाइन भारत कोकिंग कोल लिमिटेड, सेंट्रल कोलफील्ड लिमिटेड और ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड की माइंस को बड़ा नुकसान पहुंचा है। मजदूरों के सुविधाऐ काटी गई है। श्रम विभाग द्वारा प्राप्त अधिकार एवं सुविधाओं की कटौती की गई है। खान सुरक्षा महानिदेशालय को पूरी तरह से कमजोर कर दिया गया है। बीसीसीएल को आर्थिक रूप से पंगु बनाने की भरपूर कोशिश की गई है।
उन्होंने कहा कि पूंजीवाद का मोनोपोली, कुछ आउटसोर्सिंग का आतंक, खान सुरक्षा के सारे नियमों की अवहेलना करके उत्पादन करने की आउटसोर्सिंग की नीति और कोयला चोरी करके नाजायज आर्थिक लूट की नीति ने केंदुआडीह खान गैस रिसाव की घटना को अंजाम देने में मदद किया है। सरकार की पूंजीवादी नीति के कारण भारत कोकिंग कोल लिमिटेड का प्रबंधन,मजदूर बुरी तरह प्रभावित है। भाजपा सरकार की पूंजीवाद समर्थन नीति ने मजदूर, मजदूर संगठन और कोयला उद्योग को भारी नुकसान पहुंचाया है ।
उन्होंने कहा कि केन्दुआडीह गैस रिसाव की घटना के समय ही इंडिगो वायुयान के गलत फैसले से हिंदुस्तान के चार लाख यात्री तीन दिन तक लगातार आर्थिक, मानसिक और शारीरिक शोषण के शिकार हुए और अंततः हमारी वर्तमान केंद्र सरकार को इंडिगो कंपनी के शर्तों पर झुकना पड़ा।
उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद
और भरोसा था कि पार्लियामेंट के सेशन में हमारी भारतीय जनता पार्टी और कोयलांचल के प्रतिनिधि इस सवाल को मजबूती से उठाने का काम करेंगे और प्रभावित परिवार को राहत और 1- 1 करोड़ रुपये का मुआवजे की राशि का भुगतान अवश्य कराएंगे लेकिन धनबाद में रहने वाले कोयला क्षेत्र के मजदूरों को निराशा हाथ लगी । आगे उन्होंने कहा कि कोयला मंत्रालय के अधिकारी, राज्य सरकार के अधिकारी सहित भारत कोकिंग कोल लिमिटेड प्रबंधन ने मानवीय आधार पर लोगों के जीवन को अति महत्ता देते हुए अभी तक हर संभव कारवाई करने का ईमानदारी से प्रयास किया है।
श्री झा ने कहा कि कोयला मंत्री से हमारी अपील है कि वे स्वयं घटनास्थल का निरीक्षण करने की कृपा करें। आउटसोर्सिंग कंपनी के आर्थिक आतंक और बीसीसीएल को नुकसान पहुंचाने के प्रयास पर तुरंत नियंत्रण करें। सम्मानजनक हल निकालने के लिए सभी राजनीतिक दलों और सभी श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों का एक आपातकालीन बैठक बुलाकर इस समस्या को उचित मानवीय निराकरण के लिए पहल करने की कृपा करें।
