


केन्द्रीय कर्मचारियों के 9 जुलाई की हड़ताल को ईसीआरकेयू का नैतिक समर्थन
डीजे न्यूज, धनबाद:
17 सूत्री मांगों को लेकर 9 जुलाई को दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा आहूत हड़ताल को ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन ने अपना नैतिक समर्थन दिया है। यह हड़ताल केन्द्र सरकार के द्वारा श्रमिक विरोधी नीतियों और कारपोरेट सेक्टर की विशेष सुविधाओं के अनुसार श्रम नियमों को निर्धारित करने की नीतियों के खिलाफ विशाल प्रतिरोध स्वरूप आयोजित की जा रही है। ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के दिशा निर्देश के तहत सभी रेलवे जोनल यूनियनों ने अपने कार्यकर्ताओं और सदस्यों के समक्ष आवश्यक कार्यक्रम आयोजित करने की तैयारी की है।
काला बैज लगाकर रेलकर्मी करेंगे ड्यूटी: मो ज़ियाऊद्दीन
उक्त जानकारी देते हुए ईसीआरकेयू के अपर महामंत्री सह एआईआरएफ वर्किंग कमिटी मेंबर मो ज़ियाऊद्दीन ने धनबाद मंडल के सभी शाखाओं से कहा है कि उक्त हड़ताल को अपना नैतिक समर्थन देने के लिए गेट मीटिंग, काला बैच लगाकर ड्यूटी करने तथा रेलकर्मियों के समक्ष हड़ताल के कारणों की जानकारी प्रसारित करने जैसे कार्यक्रम करने की व्यवस्था करें।
चार नये श्रम कानूनों को निरस्त करने की मांग प्रमुख : ओ पी शर्मा
एआईआरएफ के जोनल सेक्रेटरी ओ पी शर्मा ने बताया कि ईसीआरकेयू हिन्द मजदूर सभा ( एच एम एस) से सम्बद्ध है। हिन्द मजदूर सभा सहित अन्य ट्रेड यूनियनों के नेतृत्व में 9 जुलाई को अखिल भारतीय स्तर पर 25 करोड़ से अधिक कर्मचारी केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में देशव्यापी हड़ताल पर जाएंगे। इसमें डाक विभाग, बैंकों, बीमा कंपनियों, इस्पात क्षेत्र, कोयला क्षेत्र, खनिज और पेट्रोलियम क्षेत्र, तांबा क्षेत्र के कर्मचारी शामिल हैं। रक्षा क्षेत्र भी हड़ताल पर जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह हड़ताल मुख्य रूप से चार नए श्रम संहिताओं (लेबर कोड) को रद करने की मांग को लेकर बुलाई गई है, जो मजदूरों के अधिकारों को कुचलने वाला बताया है। इसके अलावा, पुरानी पेंशन योजना की बहाली, न्यूनतम वेतन 26,000 रुपये, ठेका नौकरियों का अंत, सरकारी विभागों के निजीकरण पर रोक और बेरोजगारी भत्ते की मांग भी शामिल है। यूनियनों का आरोप है कि सरकार ने 17 लाख करोड़ रुपये की राहत पूंजीपतियों को दी, जबकि मजदूरों और किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज किया जा रहा है।
इस अवसर पर ईसीआरकेयू के केन्द्रीय संगठन मंत्री नेताजी सुभाष, सोमेन दत्ता, एन के खवास, जितेंद्र कुमार साव, बसंत दूबे, आर के सिंह, बी के साव, आई एम सिंह, चंदन शुक्ल, पी के सिन्हा, बी बी सिंह, महेन्द्र प्रसाद महतो, आर एन चौधरी, अजीत कुमार मंडल, सुनील कुमार सिंह, उमेश सिंह, सी पी पाण्डेय, मंटू सिन्हा, परमेश्वर कुमार, विश्वजीत मुखर्जी, रंजीत यादव, रूपेश कुमार और महिला एवं युवा समितियों के सदस्यों ने अपनी नैतिक समर्थन करने का संकल्प लिया।
