
कानूनी जागरूकता और शिक्षा से अपने हक और सम्मान की रक्षा कर सकतीं महिलाएं : जया कुमार
डिग्री कॉलेज टुंडी में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं के सशक्तिकरण का संदेश
डीजे न्यूज, टुंडी, धनबाद :
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर डिग्री कॉलेज, टुंडी में महिलाओं के सशक्तिकरण और प्रोत्साहन को लेकर शनिवार को एक विचारशील कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. इन्द्रजीत कुमार ने की।
कार्यक्रम की शुरुआत और मुख्य विचार
कार्यक्रम की शुरुआत बिनोद बिहारी महतो के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। प्रो. अविनाश कुमार ने अपने बीज वक्तव्य में महिलाओं के ऐतिहासिक योगदान को रेखांकित किया और उनके अधिकारों की चर्चा की।
इस अवसर पर असीमा महतो ने कहा कि महिलाओं को अपने अधिकारों के साथ-साथ पद के दायित्वों का भी भली-भांति निर्वाह करना चाहिए। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि संकल्प और समर्पण के साथ महिलाएँ किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ सकती हैं।
अतिथियों का संबोधन
कार्यक्रम में जाताखुंटी पंचायत के मुखिया के जीवनसंगी शक्ति हेमब्रम ने बतौर विशिष्ट अतिथि कहा कि शिक्षा ही महिलाओं को आगे बढ़ाने का सबसे सशक्त माध्यम है।
मुख्य अतिथि जया कुमार, जो कि वरिष्ठ अधिवक्ता हैं, ने संविधान में महिलाओं के अधिकारों की चर्चा करते हुए आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि कानूनी जागरूकता और शिक्षा से महिलाएँ अपने हक और सम्मान की रक्षा कर सकती हैं।
प्राचार्य का प्रेरणादायक उद्बोधन
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्राचार्य डॉ. इन्द्रजीत कुमार ने कहा कि महिलाओं को उन्नति के मार्ग पर निरंतर अग्रसर होना चाहिए। उन्होंने वैज्ञानिक सोच और आत्मनिर्भरता को अपनाकर समाज में अपनी पहचान स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
छात्रों ने भी रखे विचार
स्नातक प्रथम वर्ष के छात्र शंकर मुर्मु ने भी संक्षिप्त रूप से अपने विचार व्यक्त किए और महिलाओं के सामाजिक योगदान की सराहना की।
सांस्कृतिक कार्यक्रम और समापन
कार्यक्रम में स्नातक प्रथम सत्र की छात्राओं ने सांस्कृतिक नृत्य और स्वागत गीत प्रस्तुत कर समां बांधा। कार्यक्रम का संचालन डॉ. रानी सिंह ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन सुश्री लक्ष्मी कुमारी ने किया।
इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मचारी और छात्र-छात्राएँ बड़ी संख्या में उपस्थित थे। कार्यक्रम ने महिलाओं के सशक्तिकरण और वैज्ञानिक सोच की प्रासंगिकता को उजागर किया।