कैमरून में फंसे आखिरी दो मजदूर भी लौटे वतन, घर पहुंचते ही गले लग रो पड़े परिजन

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कैमरून में फंसे आखिरी दो मजदूर भी लौटे वतन, घर पहुंचते ही गले लग रो पड़े परिजन

डीजे न्यूज, गिरिडीह : अफ्रीका के कैमरून में फंसे झारखंड के मजदूरों की लंबी जद्दोजहद आखिरकार पूरी हुई। हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत नरकी निवासी फूलचंद मुर्मू और बोकारो जिले के नावाडीह थाना क्षेत्र के पोखरिया निवासी बब्लू सोरेन की भी वतन वापसी हो गई है। इनके लौटते ही परिजनों के चेहरों पर खुशी छलक पड़ी और गांव में जश्न का माहौल बन गया।
परिजनों ने मजदूरों की सकुशल वापसी के लिए सरकार, मीडिया और प्रवासी मजदूरों के लिए लगातार संघर्ष कर रहे समाजसेवी सिकंदर अली का आभार जताया। ज्ञात हो कि हजारीबाग और बोकारो के कुल 19 मजदूर रोज़गार की तलाश में कैमरून गए थे और वहां ट्रांसरेल लाइटिंग लिमिटेड कंपनी में काम कर रहे थे। लेकिन कंपनी ने 11 मजदूरों को चार महीने और 8 मजदूरों को दो महीने से वेतन नहीं दिया। नतीजा यह हुआ कि मजदूर खाने-पीने तक के लिए तरसने लगे। मजबूरन उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर वतन वापसी की गुहार लगाई थी। सरकार की तत्परता और पहल के बाद सभी मजदूरों की सुरक्षित वतन वापसी संभव हुई। इससे पहले लौटने वाले 17 मजदूरों में बोकारो जिले के प्रेम टुडू, सिबोन टुडू, सोमर बेसरा, पुराण टुडू, रामजी हांसदा, विरवा हांसदा, महेंद्र हांसदा और हजारीबाग के आघनू सोरेन, अशोक सोरेन, चेतलाल सोरेन, महेश मरांडी, रामजी मरांडी, लालचंद मुर्मू, बुधन मुर्मू, जिबलाल मांझी, छोटन बासके और राजेंद्र किस्कू शामिल थे। अब 19 में सभी मजदूर सकुशल घर लौट चुके हैं। इससे परिवारजनों और पूरे क्षेत्र में राहत और संतोष की लहर दौड़ गई है।

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