
कृत्रिम अंग पाकर संतोषपूर्वक एवं प्रसन्नता के साथ अपने घर लौटे
रोटरी गिरिडीह ग्रेटर ने लगाया निशुल्क कृत्रिम अंग प्रत्यारोपण शिविर
डीजे न्यूज, गिरिडीह : रोटरी गिरिडीह ग्रेटर सदैव समाजिक दायित्वों के प्रति सजग रही है और समय-समय पर समाज सेवा के विभिन्न कार्यों का आयोजन करती रही है। इसी कड़ी में 15, 16 एवं 17 जून को श्री महावीर सेवा संस्थान, कोलकाता के संयुक्त तत्वावधान में निशुल्क कृत्रिम अंग प्रत्यारोपण शिविर का आयोजन स्थानीय ईश्वर स्मृति भवन, बजरंग चौक में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
इस तीन दिवसीय शिविर में कुल 50 लोगों का पंजीकरण किया गया, जिसमें से 35 लाभार्थियों को निशुल्क कृत्रिम अंग सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किए गए। लाभार्थी न केवल गिरिडीह से बल्कि भेलवाघाटी, झलकडीहा, नावाडीह, राजधनवार, हंडाडीह, हरलाडीह, बोकारो, देवघर, बेगूसराय और अन्य दूरस्थ क्षेत्रों से भी आए। सभी लाभार्थी कृत्रिम अंग पाकर संतोषपूर्वक एवं प्रसन्नता के साथ अपने घर लौटे।
शिविर की एक विशेष उपलब्धि यह रही कि ब्रह्मचर्य आश्रम, देवघर की गोशाला से एक 6 महीने के बछड़े के दाहिने आगे के पैर का भी सफलतापूर्वक कृत्रिम अंग प्रत्यारोपण किया गया।
इस आयोजन को रोटरी डिस्ट्रिक्ट 3250 के जिलापाल रो. विपिन चाचन, जिला प्रोजेक्ट समन्वयक रो. विकास शर्मा तथा रोटरी धनबाद का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ। मंगलवार को समापन समारोह का आयोजन हुआ, जिसमें रोटरी गिरिडीह ग्रेटर के संस्थापक अध्यक्ष रो. रघुनन्दन राधवन, संस्थापक सदस्य रो. रंजीत लाल एवं चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के नवनिर्वाचित सचिव गोपाल दास भदानी ने संबोधित करते हुए कार्यक्रम का समापन किया।
इस सफल आयोजन में अध्यक्ष ब्रह्मदेव प्रसाद, संयोजक सीए दीपक संथालिया, सुजय राज गुप्ता, सीए आकाश रोशन, अभिषेक छापरिया, सुबोध मोदी, विकास शर्मा, बिकास कुमार सिन्हा, उदयन बनर्जी, ज्योति प्रकाश गुप्ता, मनीष गुप्ता, CA प्रकाश कुमार दत्ता, ई. अजय गुप्ता, सीए सुमित अग्रवाल, राजन कुमार, अमित गुप्ता, दीपक चिरानिया, डा. निखिल, सुदीप्तो समंता, सीए रवि गाडिया, विशाल जैन सहित अनेक सदस्यों का सराहनीय योगदान रहा।
महावीर सेवा सदन, कोलकाता से पधारे डा. शशि सुमन प्रभाकर एवं उनकी कुशल टेक्निकल टीम के नेतृत्व में यह शिविर संचालित किया गया। यह शिविर न केवल जरूरतमंदों के जीवन में एक नया उजाला लेकर आया, बल्कि समाज सेवा की एक प्रेरणादायी मिसाल भी प्रस्तुत की।