
जन्म और मृत्यु का 21 दिनाें के अंदर करें निशुल्क निबंधन : नमन प्रियेश लकड़ा
सरकारी स्कूलों में प्रथम प्रवेश के समय जन्म प्रमाण पत्र अनिवार्य रूप से मांगें, नहीं हो तो अभिभावकों को दें प्रमाण पत्र बनवाने की सलाह : उपायुक्त
डीजे न्यूज, गिरिडीह : समाहरणालय स्थित सभागार कक्ष में उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा की अध्यक्षता में जिला स्तरीय जन्म-मृत्यु निबंधन समीक्षा बैठक गुरुवार को आयोजित की गई। बैठक में उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने कहा कि जिले में जन्म और मृत्यु की घटनाओं का समय पर निबंधन अनिवार्य है और इसमें किसी भी तरह की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी।
जन्म और मृत्यु का निबंधन राष्ट्रीय महत्व का विषय
उपायुक्त ने कहा कि जन्म और मृत्यु अधिनियम 1969 व अन्य संशोधित नियमों के तहत अब यह प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन पोर्टल (dc.crsorgi.gov.in)पर आधारित है।
घटना की तारीख से 21 दिनों के भीतर निःशुल्क निबंधन किया जाता है
21 से 30 दिनों तक एक रूपया शुल्क लिया जाएगा
30 दिन से 1 साल तक जिला सांख्यिकी पदाधिकारी के आदेश पर निबंधन होगा
पंचायत सचिव हर सोमवार रहें उपस्थित
सभी पंचायत सचिवों को निर्देशित किया गया है कि वे प्रत्येक सोमवार को पंचायत सचिवालय में उपस्थित रहकर निबंधन कार्य करें। इसके अतिरिक्त सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे
अपनी इकाइयों में समय पर निबंधन सुनिश्चित करें
हर तिमाही अंतर्विभागीय समन्वय बैठक कर रिपोर्ट जिला कार्यालय को भेजें
विद्यालयों में प्रवेश के समय अनिवार्य होगा जन्म प्रमाण पत्र
उपायुक्त ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देशित किया कि
सभी सरकारी स्कूलों में प्रथम प्रवेश के समय जन्म प्रमाण पत्र अनिवार्य रूप से मांगा जाए
यदि किसी छात्र के पास प्रमाण पत्र नहीं हो तो उसके अभिभावकों को प्रमाण पत्र बनवाने की सलाह दी जाए
इस प्रक्रिया से निःशुल्क प्राथमिक शिक्षा बाधित नहीं होनी चाहिए
निजी अस्पतालों को जोड़ा जाएगा ऑनलाइन सिस्टम से
नगर परिषदों और नगर निगम को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे अपने क्षेत्र के सभी निजी अस्पतालों को सीआरएस पोर्टल से जोड़ें, ताकि वहां होने वाली हर जन्म और मृत्यु की घटना का समय पर निबंधन सुनिश्चित हो सके।
हर माह होगा निरीक्षण, लापरवाही पर कार्रवाई
प्रखंड सांख्यिकी पर्यवेक्षकों एवं पंचायती राज पदाधिकारियों को हर माह कम-से-कम एक इकाई का निरीक्षण कर रिपोर्ट जिला सांख्यिकी कार्यालय को भेजने के निर्देश दिए गए।
बैठक में डीआरडीए निदेशक, जिला स्तरीय अधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, एवं जिला सांख्यिकी पदाधिकारी समेत कई पदाधिकारी उपस्थित थे।
उपायुक्त ने दोहराया कि जन्म-मृत्यु निबंधन केवल दस्तावेज नहीं, बल्कि जनसंख्या आंकड़ों के सटीक विश्लेषण और सरकारी योजनाओं की नींव है, अतः सभी अधिकारी इसे प्राथमिकता से लें।