जलने वाली वस्तु, तापमान और ऑक्सीजन को एक न होने दें तो नहीं लगेगी आग : रवि रंजन 

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जलने वाली वस्तु, तापमान और ऑक्सीजन को एक न होने दें तो नहीं लगेगी आग : रवि रंजन 

सजग रहें, सही जानकारी रखें और सावधानियां अपनाएं, तो आग लगने से रोका जा सकता : डॉ. शालिनी खोवाला

स्कॉलर बी एड कॉलेज में आयोजित अग्नि सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम में अग्नि शमन विभाग के अधिकारी ने दिए बचाच के टिप्स 

डीजे न्यूज, गिरिडीह : बनहत्ती स्थित स्कॉलर बी एड कॉलेज, गिरिडीह में बुधवार को प्राचार्या डॉ शालिनी खोवाला के नेतृत्व में अग्नि सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन आईक्यूएसी के बैनर तले किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में अग्नि शमन विभाग के पदाधिकारी रवि रंजन एवं उनके सहयोगी रंजीत कुमार पांडेय उपस्थित थे। कॉलेज की प्राचार्य डॉ शालिनी खोवाला एवं सहायक व्याख्याता डॉ हरदीप कौर ने अतिथियों का अभिवादन किया।

इस मौके पर प्राचार्य डॉ शालिनी खोवाला ने संबोधित करते हुए कहा कि महाविद्यालय परिसर में अग्नि सुरक्षा जागरूकता कार्यशाला का जो आयोजन किया गया यह न केवल हमारे शैक्षणिक जीवन का हिस्सा है, बल्कि हमारे दैनिक जीवन के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आग एक ऐसी आपदा है जो कभी भी, कहीं भी और किसी के भी जीवन को प्रभावित कर सकती है। यदि हम सजग रहें, सही जानकारी रखें और आवश्यक सावधानियां अपनाएं, तो ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है या उनके प्रभाव को कम किया जा सकता है। डॉ खोवाला ने कार्यक्रम के उद्देश्य को बताते हुए कहा कि हम सभी चाहे शिक्षक हों, छात्र हों या कर्मचारी आग से संबंधित जोखिमों को समझें, बचाव के उपायों से अवगत हों और आपातकालीन स्थिति में सही निर्णय लेने में सक्षम बनें। इसलिए सभी से अनुरोध किया कि इस सत्र को गंभीरता से लें, पूरे मन से भाग लें और जो भी जानकारी मिले, उसे जीवन में अपनाएं।

वहीं मुख्य अतिथि रवि रंजन ने कहा कि फायर सेफ्टी वर्तमान समय की मांग है। हमें सतर्क एवं जागरूक रहना है। उन्होंने आग लगने के लिए तीन आयाम बताये-जलने वाली वस्तु, तापमान व ऑक्सीजन। इन तीनों आयाम को हम एक न होने दें तो आग नहीं लगेगी। यदि आग लग गयी हो तो इधर-उधर न भागें, घर में यदि फंस गए हैं तो सभी एक कमरें में रहें और खिडकी खोलकर लोगों को आवाज दें। घर के दरवाजे को तकिया द्वारा सील कर दें और लिफ्ट का उपयो न कर सीढी का उपयोग करें। ऐसे कई तरह की जानकारियां उन्होंने दी। इसके तहत इन्होंने मॉक ड्रील द्वारा भी इसे रोकने का उपाय बताए। इस बीच कई प्रशिक्षु छात्र-छात्रों इससे संबंधित प्रश्न किए जिसका प्रतिउत्तर उन्होंने प्रशिक्षुओं को बताया और उन्हें जागरूक करने कार्य किया। कार्यक्रम का समन्वयन डॉ संतोष कुमार चौधरी एवं डॉ सुधांशु शेखर जमैयार ने किया। मंच संचालन डॉ संतोष कुमार चौधरी ने किया। इस दौरान महाविद्यालय के सभी सहायक व्याख्यातगण एवं सभी शिक्छकेतर कर्मचारी व सैकड़ों की संख्या में प्रशिक्षु छात्र-छात्राओं ने गंभीरता से जानकारी प्राप्त कीऔर कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी महत्ती भूमिका निभायी।

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