जिला स्तरीय परामर्शदात्री समिति की बैठक संपन्न

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जिला स्तरीय परामर्शदात्री समिति की बैठक संपन्न

डीजे न्यूज, धनबाद: उप विकास आयुक्त  सादात अनवर की अध्यक्षता में बुधवार को उप विकास आयुक्त कार्यालय के सभागार में जिला स्तरीय परामर्शदात्री/समीक्षा समिति के सितंबर तिमाही की बैठक संपन्न हुई।

बैठक में लीड डिस्ट्रिक्ट ऑफिसर, भारतीय रिज़र्व बैंक सन्नी श्रीवास्तव, अग्रणी जिला प्रबंधक,धनबाद अमित कुमार, डी०डी०एम नाबार्ड रवि कुमार लोहानी, महाप्रबंधक जिला उधोग केंद्र राजेंद्र प्रसाद, जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ ब्रजेश कुमार, सांसद, धनबाद के प्रतिनिधि, विधायक धनबाद एवं सिंदरी के प्रतिनिधि एवं जिला के विभिन्न पदाधिकारी एवं विभिन्न बैंको के जिला समन्वयक उपस्थित हुए।

बैठक में वार्षिक ऋण योजना के तहत धनबाद जिले का सितंबर तिमाही की उपलब्धि 64.33% रही। वहीं धनबाद सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक (7.97%), यूको बैंक (31.33%), सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया (48.84%), कैनरा बैंक (40.84%), फ़ेडरल बैंक (39.23%), इंडसइंड बैंक (43.77%), बंधन बैंक (36.91%), झारखण्ड ग्रामीण बैंक (37.08) एवं कर्नाटक बैंक (33.18%) को डीडीसी द्वारा अगले तिमाही तक वार्षिक ऋण योजना को 75% तक बढ़ाने हेतु निर्देशित किया गया।

बैठक में अग्रणी जिला प्रबंधक ने बताया कि सितंबर तिमाही तक जिले का ऋण जमा अनुपात 43.87% रहा। जबकि यूको बैंक(11.36%) एवं धनबाद सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक (11.89%) का ऋण जमा अनुपात कम रहने पर लीड डिस्ट्रिक्ट ऑफिसर, भारतीय रिज़र्व बैंक ने बढ़ोतरी करने हेतु निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि सभी बैंकों का ऋण जमा अनुपात कम से कम 40 प्रतिशत अवश्य होना चाहिए।

बैठक में डीडीसी द्वारा पीएमएफएमई के अंतर्गत बैंकों के प्रगति की समीक्षा की गयी। उन्होंने इसे असंतोषजनक बताया। महाप्रबंधक, जिला उधोग केंद्र, ने बताया कि कई बार बैंकों के साथ बैठक करने के बावजूद इस योजना में अपेक्षित प्रगति नही हो पा रही है। इस पर डीडीसी ने संज्ञान लिया एवं सभी बैंको को निर्देशित किया कि चूँकि यह भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है अत: इस पर विशेष ध्यान देंगे एवं दिए गये लक्ष्य प्राप्ति हेतु आवश्यक कार्यवाही करेंगे।

जिला पशुपालन पदाधिकारी ने जिले में कार्यरत सभी बैंकों से अनुरोध किया कि यदि विभाग द्वारा एसक्रॉ अकाउंट खोलने हेतु आवेदन दिया जाता है, तो उसे प्राथमिकता के आधार पर शीघ्र खोला जाए। उन्होंने कहा कि पशुपालन एवं संबद्ध योजनाओं के सुचारू क्रियान्वयन, अनुदान/प्रोत्साहन राशि के समयबद्ध निर्गमन तथा पारदर्शी वित्तीय प्रबंधन के लिए इसका समय पर खुलना अत्यंत आवश्यक है। बैंकों द्वारा त्वरित सहयोग से लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ समय पर प्राप्त हो सकेगा।

राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के जिला विकास प्रबंधक ने वित्तीय वर्ष 2026-27 के लिए संभाव्य ऋण योजना का प्रक्षेपण प्रस्तुत किया।

डीडीसी ने केसीसी के सभी लंबित आवेदनों को अतिशीघ्र निष्पादन हेतु निर्देशित किया।

बैठक के अंत में डीडीसी ने स्पष्ट निर्देश दिया कि जिले में बैंकिंग सेवाओं का दायरा बढ़ाया जाए, वित्तीय समावेशन को गति दी जाए और सरकारी योजनाओं का लाभ आमजन तक समय पर पहुँचे। उन्होंने बैंकों एवं विभागों से आपसी समन्वय और पारदर्शिता के साथ कार्य करने की अपेक्षा की।

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