
झारखंड की संस्कृति से जुड़ा प्रमुख नृत्य है छऊ : सुखराम उरांव
मासांत पर्व पर बंदगांव के नकटी में दो दिवसीय छऊ नृत्य सह मेला का भव्य आयोजन
डीजे न्यूज, बंदगांव(पश्चिमी सिंहभूम) : मासंत पर्व के शुभ अवसर पर नकटी में दो दिवसीय छउ नृत्य प्रतियोगीता सह मेला का भव्य आयोजन किया गया। समापन समारोह में मुख्य अतिथि विधायक सुखराम उरांव थे। छऊ नृत्य प्रतियोगीता में नकटी उपर टोला एवं नकटी नीचे टोला छऊ नृत्य समिति ने भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ नकटी उपर टोला छऊ नृत्य समिति द्वारा सरस्वती वंदना छऊ नृत्य प्रस्तुत कर किया गया। आदिवासी छऊ नृत्य समिति नकटी के कलाकारो नें भी अपने कला का प्रदर्शन करते हुए गणेश वंदना के साथ नृत्य का शुभारंभ किया। दोनों ही टीमों ने पौराणिक कथाओं पर आधारित छऊ नृत्य पेश किया। कलाकारों द्वारा गणेश बंदना, आरती, वनदेवी, महिषासुर बद्ध, राध कृष्ण, शिकारी, वन दुर्गा, महिषासुर वध, शिव पार्वती, राधा कृष्ण, शिव लीला आदी नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया। प्रतियोगिता में कलाकारों ने एक से बढ़ कर एक नृत्य प्रस्तुत कर दर्षकों का मन मोह लिया।
इस मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए विधायक सुखराम उरांव ने कहा कि झारखंड में मनाये जाने वाले पर्व त्योहार और उत्सवों में किये जाने वाले झारखण्डी लोक नृत्य जो झारखण्ड की संस्कृति को और अधिक रोचक बनाते हैं वह छऊ नृत्य है। यह झारखण्ड का एक ऐसा लोक नृत्य है, जो आज झारखण्ड को पूरे देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी एक अलग पहचान दिलाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा मासंत या रोजो परब धान बुनाई से पहले मनाए जाने वाला झारखंड का मुख्य पर्व है। झारखंड की एक प्रमुख नृत्य परंपरा है। आज भी ग्रामीणा क्षेत्र में आदिवासी कला को बचाए रखने का काम कर रहे हैं। विधायक सुखराम उरांव ने छऊ के कलाकारों एवं वा को पुरुस्कार देकर सम्मानित किया। मेले में मिठाई, खिलोने, झूला समेत अन्य दुकानें लगाई गई थी। कार्यक्रम में मुख्य रूप से नकटी मुखिया सह विधायक प्रतिनिधि मिथुन गागराई, रंजीत मंडल, सुनील लागुरी, अरुप चटर्जी, दुलाल सेन, संजय गागराई, अमर सिंह बोदरा, बुद्धदेव गागराई, सिंगराई जोंको, बेरगा पूर्ति, पोला गागराई, सुनील लागुरी, पौधा गागराई, चतरर्भुज महतो, रामू महतो, मनोज महतो का महत्वपूर्ण योगदान रहा। इस मौके पर हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे।