
जब एक शिक्षक सीखता है, तो पूरी पीढ़ियां बदलती हैं : डॉ शालिनी खोवाला
“सीखते शिक्षक, बनता भविष्य”: स्कॉलर बीएड कॉलेज में संगोष्ठी का आयोजन
डीजे न्यूज, गिरिडीह : स्कॉलर बीएड कॉलेज में आईक्यूएसी के बैनर तले गुरुवार को विशेष मासिक शैक्षणिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम मंथली एजुकेशनल रिसर्च सेमिनार श्रृंखला के अंतर्गत आयोजित किया गया, जिसका विषय था “सीखते शिक्षक : आज का प्रशिक्षण, कल का निर्माण”।
इस संगोष्ठी का उद्देश्य शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति की अपेक्षाओं, बदलते शैक्षणिक परिदृश्य और आधुनिक तकनीकों के अनुरूप तैयार करना था ताकि वे भविष्य के नागरिकों के निर्माण में सशक्त और जागरूक भूमिका निभा सकें।
इस मौके पर कॉलेज की प्राचार्या डॉ. शालिनी खोवाला ने उद्घाटन भाषण में विषय की गहराई को रेखांकित करते हुए कहा कि, “सीखते शिक्षक : आज का प्रशिक्षण, कल का निर्माण” सिर्फ एक वाक्य नहीं, बल्कि एक दर्शन है। यह शिक्षकों के लिए एक जिम्मेदारी भी है और एक अवसर भी, सीखते हुए, सिखाते हुए राष्ट्र निर्माण की दिशा में सतत यात्रा।
उन्होंने कहा कि जब एक विद्यार्थी सीखता है, तो उसका भविष्य बदलता है, लेकिन जब एक शिक्षक सीखता है, तो पूरी पीढ़ियां बदलती हैं। डॉ. खोवाला ने प्रशिक्षुओं से आग्रह किया कि वे स्वयं को इस बदलाव की प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल करें।
प्रशिक्षण सत्र और संवाद की अनूठी पहल
कार्यक्रम के दौरान शिक्षकों को नवाचारपरक शिक्षण विधियां, मूल्य आधारित शिक्षा, डिजिटल टूल्स और शिक्षार्थी-केंद्रित शिक्षण रणनीतियों से अवगत कराया गया। कार्यक्षाला आधारित गतिविधियाँ और संवाद सत्र इस आयोजन की विशेषताएँ रहीं, जिन्होंने सहभागिता को बढ़ावा दिया।
प्राध्यापकगणों ने बताया कि इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम न केवल शिक्षकों की क्षमताओं को निखारते हैं, बल्कि उन्हें जीवन पर्यंत शिक्षार्थी बनने के लिए भी प्रेरित करते हैं।
“गुणवत्ता और नवाचार” की दिशा में ठोस कदम
प्राध्यापक डॉ. संतोष कुमार चौधरी ने कहा कि यह पहल संस्थान के “गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और नवाचार” के लक्ष्य की दिशा में एक सार्थक प्रयास है। उन्होंने संगोष्ठी का संचालन भी प्रभावशाली ढंग से किया।
उनके साथ-साथ डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने भी कार्यक्रम के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रशिक्षुओं और विशेषज्ञों की सहभागिता
इस अवसर पर विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ वक्ताओं ने शिक्षकों के साथ अपने अनुभव साझा किए। संवाद में प्रशिक्षुओं ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया। सुनंदनी, रौशन कुमार, नीलेश, ज्योतिष मुर्मू, शिल्पा चंद्र, सालेहा, साबिहा, उमाशंकर जैसे प्रशिक्षुओं ने अपने विचार साझा किए और अन्य साथियों को भी प्रेरित किया। कार्यक्रम में सभी प्राध्यापकगण, शिक्षकेतर कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में प्रशिक्षु छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।