जामताड़ा में जमीन अधिग्रहण व मुआवजा से जुड़े दस्तावेज ड्रॉप बॉक्स में जमा कर सकेंगे रैयत 

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जामताड़ा में जमीन अधिग्रहण व मुआवजा से जुड़े दस्तावेज ड्रॉप बॉक्स में जमा कर सकेंगे रैयत

भू-अर्जन मामलों के त्वरित निष्पादन के लिए समाहरणालय में उपायुक्त ने की व्यवस्था

डीजे न्यूज, जामताड़ा : जामताड़ा समाहरणालय परिसर में भू-अर्जन से संबंधित मामलों के त्वरित निष्पादन एवं पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ड्रॉप बॉक्स अधिष्ठापित किया गया है, जिसमें रैयत जमीन अधिग्रहण, मुआवजा भुगतान एवं वाउचर से जुड़े दस्तावेज जमा कर सकेंगे। यह जानकारी उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी रवि आनंद ने भू-अर्जन परियोजनाओं की समीक्षा बैठक के दौरान दी।

शुक्रवार को समाहरणालय सभागार में उपायुक्त की अध्यक्षता में भू-अर्जन परियोजनाओं की समग्र समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें जिले में चल रही विभिन्न सड़क व सेतु निर्माण परियोजनाओं की स्थिति पर विस्तार से चर्चा हुई।

बैठक में निम्नलिखित परियोजनाओं की समीक्षा की गई

मोहनाबांक से नाला पथ चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण/पुनर्निर्माण परियोजना

एनएच-419 के किमी 39.700 से 41.500 तक के पथ में नया ब्रिज निर्माण (गोलपहाड़ी और भंडारो)

चितरंजन (कानगोई) में आरओबी निर्माण

पोखरिया मोड़ तक पथाश परियोजना सहित अन्य योजनाएं

रैयतों के हित में निर्देश:

उपायुक्त ने राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए संबंधित रैयतों को समुचित मुआवजा भुगतान हेतु विशेष कैंप आयोजित करने का निर्देश दिया। उन्होंने अब तक भुगतान किए गए मामलों की स्थिति जानी और शेष मामलों में पंचाट तैयार कर नोटिस निर्गत करने को कहा।

उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि रविवार एवं अन्य अवकाश के दिन भी कार्य करके भू-अर्जन से संबंधित प्रक्रियाओं को शीघ्र पूर्ण किया जाए।

जनता दरबार में आए मामलों को प्राथमिकता के साथ निष्पादित करने की हिदायत दी गई।

ड्रॉप बॉक्स की व्यवस्था

उपायुक्त ने जानकारी दी कि समाहरणालय परिसर के भूतल (ग्राउंड फ्लोर) में एक ड्रॉप बॉक्स स्थापित किया गया है, जिसमें भू-अर्जन से जुड़े दस्तावेज जैसे:

मुआवजा भुगतान आवेदन

वाउचर

भूमि अधिग्रहण संबंधित अभिलेख

रैयतगण जमा कर सकते हैं। इनपर प्राथमिकता के आधार पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।

उपस्थित पदाधिकारी

अपर समाहर्ता पूनम कच्छप

जिला भू-अर्जन पदाधिकारी सत्यप्रकाश

कार्यपालक अभियंता (भवन प्रमंडल, आरईओ)

यह पहल न केवल भू-अर्जन से जुड़े मामलों की प्रक्रिया को सुगम बनाएगी, बल्कि रैयतों को सीधे राहत पहुंचाने में सहायक सिद्ध होगी। उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि प्रशासन का उद्देश्य पारदर्शी, तेज और संवेदनशील भू-अर्जन प्रक्रिया को सुनिश्चित करना है।

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