इंडियन नॉलेज सिस्टम सेंटर का शुभारंभ, परंपरागत भारतीय ज्ञान को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा कदम

Advertisements

इंडियन नॉलेज सिस्टम सेंटर का शुभारंभ, परंपरागत भारतीय ज्ञान को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा कदम

डीजे न्यूज, धनबाद: आईआईटी (आईएसएम) धनबाद में शनिवार को इंडियन नॉलेज सिस्टम सेंटर का औपचारिक उद्घाटन किया गया। यह सेंटर देश की पारंपरिक ज्ञान-परंपराओं को आधुनिक शिक्षा और शोध से जोड़ने की दिशा में एक अहम पहल माना जा रहा है।

कार्यक्रम की शुरुआत एचएसएस और आईकेएस विभाग के प्रमुख के स्वागत भाषण से हुई। उन्होंने बताया कि यह सेंटर भारत की विज्ञान, गणित, दर्शन, कला, आयुर्वेद, और पर्यावरण-संबंधी परंपरागत ज्ञान प्रणालियों को समझने, दस्तावेज़ बनाने और आगे बढ़ाने का बड़ा मंच बनेगा। उन्होंने कहा कि यह पहल भारत सरकार की उस सोच से जुड़ी है जिसमें पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक शिक्षा और रिसर्च का हिस्सा बनाने पर जोर दिया गया है। सेंटर का उद्देश्य यह दिखाना है कि प्राचीन भारतीय ज्ञान आज के मुद्दों—जैसे पर्यावरण संरक्षण, नैतिक शासन, स्वास्थ्य और सामुदायिक विकास—में कैसे उपयोगी हो सकता है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने इस पहल की सराहना की और विभाग के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सेंटर को डिजिटल रूप से सक्षम बनाना बहुत जरूरी है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग भारतीय ज्ञान परंपराओं तक पहुंच सकें। उन्होंने यह भी कहा कि फैकल्टी और छात्र दोनों को इस विषय को सम्मान के साथ अपनाना चाहिए और गंभीर रिसर्च में आगे आना चाहिए।

आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के निदेशक प्रो. सुकुमार मिश्रा ने मुख्य अतिथि की बातों का समर्थन किया और बताया कि यह सेंटर पारंपरिक भारतीय ज्ञान को आधुनिक अकादमिक दुनिया के साथ जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने एचएसएस विभाग की मेहनत और योगदान की सराहना की।

उद्घाटन समारोह में संस्थान के वरिष्ठ पदाधिकारी, डिप्टी डायरेक्टर, रजिस्ट्रार, डीन अकादमिक अफेयर्स, कई प्रोफेसर और बड़ी संख्या में छात्र मौजूद रहे। सभी ने सेंटर की स्थापना को एक नई शुरुआत बताते हुए इसका स्वागत किया।

Social media & sharing icons powered by UltimatelySocial
Scroll to Top